
पाकिस्तानी-कनाडाई कारोबारी और 26/11 मुंबई आतंकी हमले में सह षड्यंत्रकारी तहव्वुर राणा ने अपनी भारत प्रत्यर्पण के बाद एनआईए (National Investigation Agency) की कड़ी पूछताछ में कई अहम जानकारियाँ दी हैं, जिनसे पाकिस्तान की गुप्त भूमिका और आईएसआई (Inter‑Services Intelligence) के साथ उसकी गहरी संलिप्तता उजागर होने की आशंका बढ़ गई है।
राणा द्वारा उपलब्ध कराई गई प्रमुख जानकारियाँ
1. आईएसआई और लश्कर-ए-तैयबा का नेटवर्क
राणा ने स्वीकार किया है कि 26/11 हमलों की योजना पाकिस्तान की गुप्त संचार एजेंसी आईएसआई, ज़की-उर-रहमान लखवी और लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर बनाई गई थी।
2. वैश्विक आतंकी नेटवर्क और कोड वर्ड
पूछताछ में सामने आया कि वह केवल फंडिंग नहीं कर रहा था, बल्कि आईएसआई और आतंकी संगठनों के बीच वैश्विक सूचना आदान-प्रदान में भी सक्रिय था। यातायात में “investment”, “project”, “business” जैसे कोड वर्ड इस्तेमाल किए गए जो संभावित आगे के हमलों की रूपरेखा से जुड़े थे ।
3. व्यापक संभावित हमलों की योजना
एनआईए का मानना है कि राणा ने मुंबई के अलावा अन्य भारतीय शहरों में भी बड़े पैमाने के हमलों की योजना बनाई थी। वह खिलाड़ियों की पहचान, फंडिंग चैनल, उस समय के आईएसआई अफसरों की भूमिका सहित कई लंबी जानकारी साझा कर रहा है ।
4. देरी और दबाव
तहव्वुर राणा की प्रत्यर्पण की कानूनी लड़ाई अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट तक गई थी, जिसमें उसने भारत में उत्पीड़न की आशंका जताई। हालांकि अंततः अमेरिकी सर्वोच्च न्यायालय ने प्रत्यर्पण को मंजूरी दी और अप्रैल 2025 में वह भारत पहुंचा।
5. एनआईए की रणनीति
एनआईए ने राणा को 18 दिन तक हिरासत में रखा है ताकि वह वीडियो, तार, ईमेल, और उच्चतम कोड वर्ड नेटवर्क के संबंध में खर्चीली पूछताछ कर सके। साथ ही दिग्गज युवाओं के निश्चित हमलों की योजना का पूरा संजाल उजागर करने की तैयारी में है ।