
गुरुग्राम की उभरती टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या के मामले में अब आरोपी पिता दीपक यादव को लेकर उसके बड़े भाई विजय यादव ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। आजतक को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में ताऊ विजय ने बताया कि हत्या के तुरंत बाद दीपक ने खुद उन्हें फोन कर कहा, “भाई, कन्या वध हो गया है… मुझे फांसी दिलवाओ…”
विजय यादव के अनुसार, यह पूरी घटना एक भावनात्मक विस्फोट का नतीजा थी, जिसे दीपक कई दिनों से भीतर ही भीतर झेल रहा था। उन्होंने कहा कि दीपक समाज में मिलने वाले तानों और बेटी राधिका की जीवनशैली को लेकर मानसिक दबाव में था। गांव में लोग कहते थे कि “बेटी कमाती है और बाप खाता है”, जो उसे बहुत आहत करता था।
घटना से जुड़े अन्य अहम पहलू:
– विजय यादव ने स्पष्ट किया कि राधिका की किसी भी अंतर-जातीय प्रेम संबंध या शादी की योजना की जानकारी परिवार को नहीं थी। उन्होंने इस एंगल को पूरी तरह खारिज कर दिया।
– उन्होंने बताया कि दीपक यादव पिछले कुछ समय से चुपचाप रहने लगा था और कई बार रोता भी था, लेकिन किसी से खुलकर बात नहीं करता था।
– विजय के अनुसार, दीपक ने कभी यह संकेत नहीं दिया था कि वह इतना बड़ा कदम उठा लेगा, लेकिन उसने बार-बार समाज की बातों और अपनी बेइज्जती की चिंता जाहिर की थी।
पुलिस जांच की स्थिति:
गुरुग्राम पुलिस ने दीपक यादव को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। हत्या में इस्तेमाल किया गया हथियार बरामद हो चुका है। पूछताछ में दीपक ने हत्या की बात स्वीकार कर ली है और कहा है कि उसने गुस्से में आकर गोली चलाई।
समाज और परिवार पर सवाल:
राधिका की हत्या ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या आज के समाज में बेटियों की आज़ादी, आत्मनिर्भरता और परिवार की इज्जत के पुराने पैमानों के बीच टकराव अब भी इतना गंभीर है कि एक पिता को अपनी ही बेटी की जान लेनी पड़ती है? क्या समाज के ताने किसी व्यक्ति को इतना तोड़ सकते हैं?