
महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे विवादों के केंद्र में रहे हैं, जब विधानसभा सत्र के दौरान उनका एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें वे कथित रूप से मोबाइल पर Junglee Rummy खेलते प्रतीत हुए। विपक्षी नेता रोहित पवार और जितेंद्र अहवाल ने इस क्लिप को साझा करते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने संवैधानिक कार्यों की अवधि में मोबाइल गेमिंग में समय लगाया।
कोकाटे ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि वे मोबाइल गेमिंग नहीं जानते और वह केवल एक YouTube विज्ञापन स्किप करने की कोशिश कर रहे थे, न कि रमी खेल रहे थे। उन्होंने इस मामले में कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी और कहा कि यदि दोष सिद्ध होता है तो एक सेकंड में इस्तीफा देने को तैयार हैं।
लेकिन विपक्ष ने आरोप लगाया कि मामला केवल 42 सेकंड का नहीं बल्कि 18–22 मिनट का गेमिंग का रहा है, जिसे एक जांच रिपोर्ट में बताया गया है। इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की जा रही है और राजनीतिक दल इस्तीफे की आवाज उठा रहे हैं।
वहीं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम अजित पवार ने इस पूरे मसले पर असंतोष जताया है। हालांकि, इस्तीफा देने की मांग न स्वीकारने की स्थिति में कोकाटे को कृषि मंत्रालय से हटाकर खेल मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया है—यह बदलाव इसी मुद्दे पर नियमों के अनुपालन और छवि सुधार की दिशा में उठाया गया कदम माना जा रहा है।
कोकाटे की राजनीतिक उन्नति भी विवादों से भरी रही है—उन्होंने पार्टी और क्षेत्र बार-बार बदला, और Nashik की Sinnar सीट से पांच बार विधायक बने हैं। कृषि मंत्रालय में रहते हुए उनके कई विवादित बयान आए हैं, जैसे कि किसानों को “भिखारी” कहना, जिसे उन्होंने बाद में संवाद में स्पष्ट करते हुए कहा कि वह सरकार को भिखारी कह रहे थे न कि किसानों को।
अब राजनीतिक पार्टियाँ अंदरूनी रूप से इस इश्यू पर विभाजित हैं: NCP (अजित समूह) जहां इस्तीफे से बचने पर जोर दे रहा है, वहीं NCP (SP) और शिवसेना (UBT) इस्तीफे की मांग कर रही हैं। Ajit Pawar इस मामले पर संभलकर निर्णय लेने को लेकर असमंजस में हैं, क्योंकि इस्तीफा देने का राजनीतिक प्रभाव हवा में है।
कुल मिलाकर, माणिकराव कोकाटे की रमी-खेल विवाद राजनीति में महत्वपूर्ण घटना बन गया है। इसने विधायी मर्यादा, मंत्रियों के आचरण, पार्टी नेतृत्व की निर्णय क्षमता और राजनीतिक संतुलन जैसे सवाल उठाए हैं।