
प कैप्टन शुभांशु शुक्ला, जिन्होंने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) का ऐतिहासिक भ्रमण पूरा किया, रविवार तड़के भारत लौट आए। दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उनका जोरदार स्वागत हुआ, जहाँ केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और इसरो अध्यक्ष वी. नारायणन उनकी अगवानी करने पहुंचे।
शुक्ला के साथ उनके बैकअप अंतरिक्ष यात्री, प्रशांत बालकृष्णन नायर भी स्वदेश लौटे। इस स्वागत समारोह में आम नागरिकों ने भारतीय तिरंगे के साथ उनकी उपलब्धियों को सराहा, और उन्हें “गगनयात्री” बताते हुए युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत करार दिया।
शुभांशु शुक्ला ने विदेश से लौटते समय इंस्टाग्राम पर एक भावनात्मक पोस्ट साझा की थी। उन्होंने बताया कि अमेरिका छोड़ते वक्त उनके मन में “मिली-जुली भावनाएं” उमड़ रही थीं—जहाँ एक ओर दोस्त और परिवार का समूह उन्हें छोड़ते हुए दुखी था, वहीं दूसरी ओर देश लौटने की खुशी उनका उत्साह बना रही थी।
उनकी इस यात्रा को राष्ट्रीय गौरव का क्षण माना गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्ला की इस उपलब्धि को “एक अरब सपना जगाने वाली” बताया। इसके साथ ही, कैबिनेट ने एक प्रस्ताव पारित कर इस मिशन की सराहना की और इसे देश के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बताया। पहले ही, मायावती ने भी उनके इस सफर को राष्ट्रीय गौरव और युवा प्रेरणा का मानदंड करार दिया था।
विज्ञान के दृष्टिकोण से भी यह मिशन महत्वपूर्ण साबित हुआ है। शुभांशु ने नो-लोन्ग-ऑन Axiom-4 मिशन के तहत ISS पर लगभग 18 दिनों का प्रवास किया और वहां कई वैज्ञानिक प्रयोगों में हिस्सा लिया। इस यात्रा से भारत के गगनयान मानव अंतरिक्ष मिशन को बड़ी मदद मिलेगी।
अब शुभांशु मोदी से मुलाकात कर सकते हैं और लक्ष्य है कि वे 22–23 अगस्त को आयोजित राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोह में भाग लें, जहां अपनी बातें युवा वैज्ञानिकों और पीढ़ी के साथ साझा करेंगे।