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मध्य प्रदेश की महिलाओं पर अपमानजनक टिप्पणी

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मध्य प्रदेश की राजनीति इन दिनों कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के एक विवादास्पद बयान को लेकर गरमाई हुई है। पटवारी ने हाल ही में यह दावा किया कि पूरे भारत में शराब पीने वाली महिलाओं की संख्या में मध्य प्रदेश सबसे आगे है। इस बयान ने न केवल राजनीतिक हलचल पैदा कर दी, बल्कि राज्य की महिलाओं के सम्मान से जुड़े बड़े सवाल भी खड़े कर दिए हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पटवारी की टिप्पणी पर कड़ी नाराज़गी जताते हुए कहा कि यह आधी आबादी का सीधा अपमान है और इसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता का यह बयान प्रदेश की लाखों बहनों और बेटियों की गरिमा को ठेस पहुँचाने वाला है। सीएम यादव ने इसे “बेशर्मी की पराकाष्ठा” बताते हुए कहा कि कांग्रेस को तुरंत अपने नेता पर कार्रवाई करनी चाहिए और उनसे माफी मंगवानी चाहिए।

यादव ने आगे कहा कि मध्य प्रदेश में लाडली लक्ष्मी और लाडली बहना जैसी योजनाएँ महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें समाज में आत्मनिर्भर बनाने के लिए चलाई जा रही हैं। ऐसे में विपक्षी दल के नेता का महिलाओं को शराब से जोड़ना न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि यह उन सभी प्रयासों को कमजोर करने जैसा है जो राज्य सरकार ने महिलाओं के सम्मान और उत्थान के लिए किए हैं।

भाजपा के अन्य नेताओं और महिला संगठनों ने भी इस बयान की कड़ी निंदा की है। पार्टी नेताओं का कहना है कि पटवारी की टिप्पणी महिलाओं की गरिमा पर हमला है और इससे साफ होता है कि कांग्रेस की मानसिकता महिलाओं को लेकर कितनी संकीर्ण है। महिला मोर्चा ने मांग की है कि कांग्रेस आलाकमान इस पर संज्ञान ले और तुरंत पटवारी को उनके पद से हटाए।

दूसरी ओर, कांग्रेस नेताओं ने बचाव में कहा है कि जीतू पटवारी का बयान भाजपा सरकार की नीतियों पर सवाल उठाने के संदर्भ में था। उनका कहना है कि भाजपा की शराब नीति के चलते प्रदेश में शराब की उपलब्धता बढ़ी है और इसी कारण सामाजिक समस्याएँ बढ़ रही हैं। हालांकि, पटवारी के शब्दों को लेकर खुद कांग्रेस के भीतर भी असहजता देखी जा रही है।

इस विवाद ने प्रदेश की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दिया है। अब यह मुद्दा केवल बयानबाजी तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह महिलाओं की गरिमा और समाज में उनके सम्मान का प्रश्न बन चुका है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस पटवारी के बयान पर क्या रुख अपनाती है और भाजपा इसे किस तरह चुनावी मुद्दा बनाती है।

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