
ऑनलाइन बेटिंग ऐप मामले में पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह से ED की पूछताछ
निरंतर बढ़ती निगरानी के बीच, आज 23 सितंबर 2025 को Enforcement Directorate (ED) ने पूर्व भारतीय बल्लेबाज़ युवराज सिंह को दिल्ली के केंद्रीय कार्यालय में बुलाया और ऑनलाइन बेटिंग ऐप से सम्बंधित धन शोधन (money laundering) मामले में उनसे पूछताछ की। युवा?ज ने अपना बयान PMLA (Prevention of Money Laundering Act) के तहत दर्ज कराया।
यह पूछताछ 1xBet नामक ऑनलाइन बेटिंग प्लेटफ़ॉर्म की गतिविधियों से जुड़ी है। कथित आरोपों में शामिल है कि इस ऐप ने उपयोगकर्ताओं को बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी के ज़रिए किया गया है, करों से बचाव किया गया है, और सेलिब्रिटी प्रचारकों (celebrity endorsers) की मदद से अधिक दृश्यता बनाई गई है।
पृष्ठभूमि एवं जाँच की दिशा:
ED ने कई अन्य हस्तियों को भी इस मामले में समन भेजा है। इनमें शिखर धवन, सरेश रैना, रॉबिन उसप्पा, अभिनेताओं जैसे सोनू सूद, भूमिका रौतेला, Mimi Chakraborty और बंगाली अभिनेता अंकुश हज़रा शामिल हैं।
आरोप है कि 1xBet और इसके अवतार (avatars) जैसे “1xBat” आदि ने खुद को ‘skill-based games’ (कौशल-आधारित खेल) बताकर पेश किया, पर इसके अंदर कुछ ऐसे एल्गोरिद्म (algorithms) उपयोग किए गए जिन्हें कानून के दृष्टिकोण से जुआ (gambling) की श्रेणी में आना चाहिए।
जाँच एजेंसी यह भी देख रही है कि क्या प्रचारकों को भुगतान के दस्तावेज़, अनुबंध, ब्लॉक-वाइज/विभिन्न माध्यम से हुई लेन-देनों की जानकारी उपलब्ध है, साथ ही यह भी कि पता था या नहीं कि इस तरह की ऐप्स भारत में कानूनी रूप से अवैध हो सकती हैं।
संभावित परिणाम और चुनौती:
कानूनी निहितार्थ: यदि अभियोग साबित होता है, तो युवराज सिंह सहित प्रचारकों के खिलाफ PMLA, IT एक्ट, और टैक्स से जुड़े कानूनों के तहत कार्रवाई हो सकती है। उन दस्तावेजों और लेन-देनों की जांच होगी जो यह दिखाएँ कि प्रमोशन के समय उन्हें ऐप की कानूनी स्थिति का ज्ञान था या नहीं।
छवि एवं प्रतिष्ठा को धक्का: एक नामी क्रिकेटर और पूर्व खिलाड़ी होने के कारण युवराज सिंह की सार्वजनिक प्रतिष्ठा पर असर पड़ सकता है। मीडिया, प्रशंसकों और ब्रांडों के दृष्टिकोण से यह मामला संवेदनशील है।
सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट्स की भूमिका पर बहस: इस प्रकार के मामलों से यह स्पष्ट हो गया है कि सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट सिर्फ विज्ञापन तक सीमित नहीं है, बल्कि कानूनी, नैतिक और वित्तीय जिम्मेदारियों से भी जुड़े हैं। आगे से ऐसी एंडोर्समेंट किसी सार्वजनिक हस्ती को करने से पहले कानूनी सलाह लेने की आवश्यकता होगी।
नीति एवं नियंत्रण तंत्र की मजबूती: ऑनलाइन बेटिंग और गेमिंग ऐप्स के प्रमोशन, विज्ञापन, और आर्थिक लेन-देनों की निगरानी बढ़ाने की ज़रूरत है। सरकार पहले ही कुछ प्रतिबंध लगा चुकी है—जैसे सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act) की धारा 69A के तहत 1xBet और अन्य बेटिंग ऐप्स को ब्लॉक करने के आदेश।
उपभोक्ता सुरक्षा: उपयोगकर्ताओं को जागरूकता की ज़रूरत है कि ऐसी ऐप्स जो ‘skill games’ का दावा करती हैं, वे कानूनी रूप से नहीं-नहीं हो सकती यदि उनके संचालन में धोखाधड़ी या जुए जैसा तत्त्व शामिल हो।