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नेपाल में तबाही मचाने वाली बारिश

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नेपाल इन दिनों भारी बारिश और भूस्खलन की गंभीर आपदा से जूझ रहा है। बीते 24 घंटों से जारी लगातार बारिश ने देश के कई हिस्सों में तबाही मचा दी है। राजधानी काठमांडू समेत कई जिलों में नदियां उफान पर हैं, सड़कों पर पानी भर गया है और जगह-जगह भूस्खलन के कारण यातायात पूरी तरह बाधित हो गया है।

सबसे ज्यादा असर काठमांडू-पोखरा, सिंधुपालचोक, ललितपुर, कास्की और दांग जिलों में देखा जा रहा है, जहां सड़कों और पुलों को गंभीर नुकसान पहुंचा है। कई राष्ट्रीय राजमार्गों पर मलबा जमा हो गया है, जिससे ट्रक और बसें घंटों तक फंसी रहीं। प्रशासन ने यात्रियों को गैर-जरूरी यात्रा से बचने की सलाह दी है।

तेज बारिश के कारण त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे सहित पोखरा और विराटनगर के घरेलू हवाई अड्डों पर सभी उड़ानें स्थगित कर दी गई हैं। दृश्यता बेहद कम होने के चलते विमानों का संचालन असंभव हो गया है। नेपाल नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने कहा है कि मौसम में सुधार होने तक कोई भी उड़ान नहीं भरेगी।

नेपाल सरकार ने आम नागरिकों की सुरक्षा को देखते हुए रविवार और सोमवार को पूरे देश में सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया है। इस दौरान स्कूल, कॉलेज, सरकारी दफ्तर और अधिकांश निजी संस्थान बंद रहेंगे। स्थानीय प्रशासन ने राहत और बचाव कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए हैं।

आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, देशभर में अब तक दर्जनों मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं और सैकड़ों परिवारों को अस्थायी शिविरों में शरण लेनी पड़ी है। सेना, पुलिस और आपदा राहत टीमें मलबा हटाने और फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने में लगी हुई हैं। हेलिकॉप्टरों को आपात स्थिति के लिए तैयार रखा गया है।

मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि अगले 48 घंटे तक बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है। दक्षिण-पश्चिम मानसून की सक्रियता के कारण कई जिलों में और अधिक भूस्खलन की संभावना जताई गई है।

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल ‘प्रचंड’ ने आपदा प्रभावित इलाकों का जायजा लेने का आदेश दिया है और राहत सामग्रियों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। भारत और चीन की सीमाओं से लगे इलाकों में भी अलर्ट जारी किया गया है, ताकि नदी किनारे बसे गांवों को समय रहते सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके।

इस आपदा ने एक बार फिर नेपाल की पहाड़ी भौगोलिक परिस्थितियों में बुनियादी ढांचे की कमजोरी को उजागर किया है। बारिश थमने के बाद भी राहत कार्यों और सड़क मरम्मत में कई दिन लगने की संभावना है।

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