
भारतीय शेयर बाजार ने इस सप्ताह शानदार तेजी दिखाई है। प्रमुख सूचकांक BSE Sensex ने पिछले तीन कारोबारी सत्रों में लगभग 1,900 पॉइंट्स की बढ़ोतरी दर्ज की है, वहीं Nifty 50 सूचकांक 52-सप्ताह के उच्च स्तर तक पहुँच गया।
विश्लेषकों की दृष्टि में यह तेजी कई कारणों से प्रेरित है। पहला, दिवाली-त्योहारों की पूर्व संध्या पर निवेशकों में उत्साह बढ़ा हुआ है, जिससे घरेलू एवं विदेशी दोनों निवेशक सक्रिय हुए हैं। दूसरे, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) में हाल ही में वापसी के संकेत देखे गए हैं, जिससे बाजार को मजबूती मिली है। तीसरा, भारत के मैक्रो-इकोनॉमिक संकेतों ने भी सकारात्मक झलक दी है — जैसे कि मुद्रास्फीति नियंत्रण में रहना, अर्थव्यवस्था का फिर से गति पकड़ना, तथा कंपनियों का Q2 परिणाम बेहतर रहने की उम्मीद।
तकनीकी रूप से देखें तो, Sensex ने इस दौरान 84,000 अंक के क्षेत्र को पार किया और Nifty 50 ने 25,700 अंक से ऊपर बंद किया। हालांकि, ये दोनों ही अपने सर्वकालिक उच्च स्तर से अभी भी कुछ प्रतिशत नीचे हैं — अर्थात् अभी सतर्क रहने की जरूरत है।
सेक्टर-वार विश्लेषण में यह देखा गया है कि बैंकिंग, उपभोक्ता (consumer durables), एफएमसीजी (FMCG) एवं ऑटो सेक्टर की कंपनियों में बिकवाली के बजाय खरीदारी रही। इनके आउटपरफॉर्म करने ने सूचकांकों के ऊपर दबाव कम किया। दूसरी ओर, मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों में उतनी तेजी नहीं देखी गई, जो संकेत देते हैं कि बड़े शेयरों में पैसा आ रहा है लेकिन जोखिम-सेगमेंट में सावधानी बरती जा रही है।
हालाँकि, इस उछाल के साथ कुछ चुनौतियाँ और जोखिम भी सामने हैं। सबसे प्रथम यह कि जब बाजार इतने तीव्र गति से बढ़ता है, तब ओवरबॉट स्थिति बन सकती है — यानी कि वृद्धि बहुत जल्दी अधिक हो गई हो, और तुरंत फिसलने का खतरा बढ़ जाता है। विश्लेषकों ने कहा है कि यह मॉडल “क्या यह दौर जारी रह सकेगा” का सवाल खड़ा करता है। इसके अलावा, इस ट्रेडिंग सप्ताह में कारोबार के दिन कम हैं (दीवाली-छुट्टियों के कारण), जिससे तरलता (liquidity) और ट्रेडिंग वॉल्यूम कम हो सकती है और बाजार तेजी से “फिको” भी हो सकता है।
अगले कुछ दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण होंगे क्योंकि कई बैंकों और बड़ी कंपनियों के Q2 परिणाम आने वाले हैं। यदि यह परिणाम बेहतर आएँ तो इस रैली को और भी पुष्ट आधार मिल सकता है, लेकिन परिणाम निराशाजनक रहे तो तेजी में अचानक रुकावट आ सकती है। निवेशकों को वर्तमान माहौल में फायदे के साथ-साथ सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है — विशेष रूप से यह देखने की जरूरत है कि क्या यह उछाल दीर्घकालीन होगा या सिर्फ त्योहार-प्रेरित एक-अस्थायी स्प्रिंट।
संक्षिप्त में कहा जाए तो — भारतीय शेयर बाजार ने इस सप्ताह उत्साहपूर्वक गति पकड़ी है और निवेशकों के लिए उत्साह का वातावरण बना है। लेकिन उतनी ही सचाई है कि इस रैली को सतत बनाए रखना आसान नहीं होगा और अगले कुछ सत्रों में महत्वपूर्ण संकेत मिल सकते हैं कि यह रैली आगे बढ़ेगी या थमती है।



