
देश के उत्तरी हिस्सों में आने वाले दिनों में ठंड व कोहरे का असर बढ़ने वाला है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 3 नवंबर से लेकर कुछ दिनों तक विशेष मौसम-चेतावनी जारी की है, जिसमें Uttarakhand में शीत-लहर के साथ पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी का संभावित खतरा बताया गया है, वहीं Delhi-एनसीआर, Uttar Pradesh (UP) और Bihar में कोहरा और न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी की ओर संकेत मिल रहा है।
मौसम विश्लेषण में पाया गया है कि Cyclonic Storm Motha नामक प्रणाली बंगाल की खाड़ी के ऊपर सक्रिय रही है, जिसके कारण आंध्र-प्रदेश से लेकर उत्तर भारत तक हवा-बारिश का सिलसिला बदल गया है। इसके प्रभाव से दिल्ली-एनसीआर में रात के न्यूनतम तापमान करीब 14 डिग्री सेल्सियस तक गिरने का अनुमान है।
उत्तर प्रदेश में अब कोहरे की समस्या मुख्य रूप से सुबह-शाम देखने को मिलेगी। IMD ने कहा है कि UP के अधिकांश इलाकों में 3 नवंबर के बाद सुबह-सुबह कोहरा छाएगा, लेकिन अगले कुछ दिन में मौसम सामान्य (शुष्क) रहने के अनुमान हैं।
बिहार की बात करें तो 3-4 नवंबर को पूरे प्रदेश में आसमान साफ रहने का अनुमान है। हालांकि 5-7 नवंबर के बीच बंगाल की खाड़ी में एक नया मूसलाधार मौसम-सिस्टम बनने की संभावना है, जिससे कुछ इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है।
पर्वतीय राज्य उत्तराखंड में हाल-साल मौसम में तेजी से बदलाव देखने को मिल रहे हैं। मैदानी इलाकों में कोहरा व मिस्ट की संभावना के मद्देनज़र चेतावनी जारी की गई है, वहीं ऊँचे-भागों में 4-5 नवंबर को बर्फबारी भी हो सकती है – जिससे तापमान में और गिरावट आएगी।
विश्लेषकों का कहना है कि इस तरह का घुमाव-दार मौसम अगस्त-सितंबर की बारी के बाद आया है, और यही संकेत हैं कि इस सर्दी-मौसम की शुरुआत जल्दी हो सकती है। आम लोगों के लिए यह सुझाव दिए जा रहे हैं कि वे सुबह-शाम हल्के तथा गर्म कपड़े पहनें, विशेष रूप से बुजुर्ग व बच्चों को बाहर रखे जाने से बचाएँ।
सड़क-यातायात के लिहाज़ से सुबह-सुबह कोहरे कारण दृश्यता कम हो सकती है—विशेष रूप से दिल्ली-एनसीआर व UP के कुछ इलाकों में। इसलिए वाहन चालकों को कम गति से चलने व वाहन की लाइट्स चालू रखने की सलाह दी गई है।
खेती-बारी व पशुपालन से जुड़े क्षेत्रों में भी सतर्कता जरूरी है — पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी से फसलों व पशुओं को सुरक्षित स्थान पर ले जाना बेहतर रहेगा। साथ ही, जब न्यूनतम तापमान गिरने लगे तब रात में पशुओं को छतघर या आच्छादित स्थल पर रखने की व्यवस्था करनी होगी।
अंततः इस चेतावनी का उद्देश्य जनता को पहले से तैयार करना है ताकि अचानक मौसम-पलटाव का असर कम से कम हो। आने वाले 2-3 दिन इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि तापमान में गिरावट, कोहरा और संभावित बर्फबारी का संयोजन उत्तर भारत में सामान्य से पहले-पहले दिख रहा है।



