Advertisement
दिल्ली (यूटी)लाइव अपडेट
Trending

“दिल्‍ली के Lal Qila के बम धमाके में 7 मुख्य किरदार – पुलवामा-नेटवर्क से जुड़ी आतंकी साज़िश”

Advertisement
Advertisement

आज राजधानी नई दिल्ली में हुए बम धमाके ने न केवल सुरक्षा व्यवस्था को हिला कर रख दिया है बल्कि खुलासा हुआ है कि यह केवल एक कार विस्फोट नहीं बल्कि लंबे समय से चल रही आतंकी साज़िश का हिस्सा है। इस हमले के पीछे Pulwama-अनंतनाग से लेकर हरियाणा-यूपी तक फैले नेटवर्क का पता चला है, जिसमें मुख्य रूप से डॉक्टरों और “सफेद कॉलर” श्रेणी के गतिविधियों पर ध्यान गया है।

दिल्ली में हुआ यह धमाका उस समय हुआ जब एक कार – एक Hyundai i20 – पार्किंग में खड़ी थी और अचानक उसमें जोरदार विस्फोट हो गया। उस कार के मालिक तथा चालक-संभव हमलावर के रूप में सामने आए हैं Dr Umar Mohammad, जो कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले का निवासी है और हरियाणा के फरीदाबाद में एक मेडिकल कॉलेज में कार्यरत था।

जांच में सामने आया है कि इस धमाके में प्रयुक्त कार का मालिक पहले-पहले बदल चुका था, और उसके बाद यह कार हमले के बाद ट्रैक की गई गतिविधियों में आ गई। साथ ही, सुरक्षा एजेंसियों को हरियाणा-फरीदाबाद में भारी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ, टाइमर, असॉल्ट राइफलें इत्यादि बरामद हुई हैं, जो इस हमले की तैयारी की गहरी साज़िश की ओर इंगित कर रही हैं।

इन खुलासों के बीच अब तक सात-मुख्य भूमिका निभाने वाले किरदार सामने आए हैं, जिनमें डॉक्टर, कोऑर्डिनेटर, वाहन-आपूर्तिकर्ता, और स्थानीय सहयोगी शामिल हैं। इस घटना के बाद राजधानी तथा आसपास के इलाकों में सुरक्षा स्तर को बहुत ऊँचा कर दिया गया है, जबकि एक राष्ट्रीय स्तर की जांच एजेंसी National Investigation Agency (NIA) को मामले की जिम्मेदारी सौंपने की प्रक्रिया जारी है।

यह हमला इसलिए भी चिंता का विषय है क्योंकि यह सीधे-सीधे उस साज़िश से जुड़ा पाया गया है, जिसे “व्हाइट-कॉलर आतंक” कहा जा रहा है — यानी शिक्षा-प्रशिक्षण प्राप्त लोग, चिकित्सक, और परिचित वैबसाइट/टेलीग्राम चैनल के माध्यम से कट्टरपंथी विचारों की ओर मोड़ दिए गए।

इस घटना ने देश के सुरक्षा-तंत्र के लिए दो बड़े सवाल-चिन्ह खड़े कर दिए हैं: एक तो यह कि कैसे राजधानी क्षेत्र में इतनी तैयारी के बावजूद यह धमाका संभव हुआ; दूसरा यह कि आतंक के नेटवर्क अब पारंपरिक मोर्चों से हटकर “साइकिल एवं सफेद कॉलर” रोल में सक्रिय दिख रहे हैं। इसके आलावा, पुलवामा-अनंतनाग से संबंध रखने वाले लोगों का दिल्ली पार्किंग लॉजिस्टिक के माध्यम से इस हमले में शामिल होना यह संकेत देता है कि सीमा क्षेत्र से निकलने वाला आतंक अब राजधानी के भीतर गहरे घुस चुका है।

संभावित प्रभाव

  • इस हमले से राज्य-रक्षा-नीति की समीक्षा अविलंब होगी — विशेषकर दिल्ली एवं उसके आसपास के क्षेत्रों में।

  • सहायक स्रोतों (जैसे वाहन, विस्फोटक आपूर्ति, प्रसार चैनल) की जाँच और नियंत्रण कड़ा किया जाएगा।

  • سیاسی तौर पर राष्ट्रीय एवं राज्य-स्तर पर चर्चा शुरू हो जाएगी कि क्या आतंकवाद की दिशा बदल रही है और क्या नए मॉड्यूल सक्रिय हो चुके हैं।

  • आम नागरिकों में भय एवं असुरक्षा की भावना पैदा हो सकती है, खासकर उन इलाकों में जहाँ जन-समूह अधिक है।

  • आगे की जाँच एवं गिरफ्तारी में यह महत्वपूर्ण होगा कि नेटवर्क की जड़ें कहां तक फैली हैं — अर्थात् सीमा पार समर्थन, वित्तीय स्रोत, सोशल मीडिया-प्रचार।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
YouTube
LinkedIn
Share