Advertisement
दिल्ली (यूटी)लाइव अपडेट
Trending

वो पढ़ाई-काम में ही व्यस्त था, आतंकी वह कैसे हो सकता है?

Advertisement
Advertisement

राजधानी Delhi के भीड़भाड़ वाले इलाके में हुए हमले के संदिग्ध डॉक्टर उमर नबी का नाम जब सामने आया, तो उनके घर-परिवार में हड़कंप मच गया। परिवार का कहना है कि उन्हें अब तक इस बात पर भरोसा नहीं हो रहा कि उनका बेटा, भाई या पती – जिस पर उन्हें हमेशा भरोसा था – किसी आतंकी गतिविधि में शामिल हो सकता है। इस मामले को लेकर सामने आई रिपोर्ट में बताया गया है कि उमर नबी पढ़ाई और काम में नियमित थे, सामाजिक रूप से शांत स्वभाव के — और अचानक उनके नाम आतंक-संधिग्ध के तौर पर सामने आने ने परिवार को झकझोर दिया है।

घटना की पृष्ठभूमि में यह पाया गया है कि पुलिस जाँच में उमर का नाम उस कार धमाके से जुड़ा हुआ है जिसमें राजधानी के ऐतिहासिक इलाके यानि Red Fort मेट्रो स्टेशन के पास विस्फोट हुआ था। पुलिस का मानना है कि इस धमाके में इस्तेमाल हुई कार का ड्राइवर वही हो सकता है, जिसका सम्बन्ध Pulwama जिले से भी जोड़ा जा रहा है।

परिवार ने बताया है कि उमर दो-महीने पहले ही कश्मीर आए थे और इसके बाद वापस काम पर चले गए थे। उनकी भाभी मुज़म्मिला अख्तर ने कहा कि उमर बचपन से ही शर्मीले और पढ़ाई-काम में लगने वाले व्यक्ति थे, दोस्त-मित्र बहुत कम बनाते थे और समय पर घर आने-जाने में लगे रहते थे।

जांच एजेंसियों ने इस मामले में देखते-देखते कई खुलासे किए हैं: धमाके में इस्तेमाल अमोनियम नाइट्रेट, फ्यूल ऑयल तथा डिटोनेटर जैसी सामग्री सामने आई है। साथ ही, पुलिस का आकलन है कि यह किसी छोटे मॉड्यूल का मामला नहीं, बल्कि बड़े आतंकी नेटवर्क से जुड़ा हो सकता है — विशेषकर हरियाणा के Faridabad में विस्फोटक सामग्री बरामद होने के बाद।

इसका मतलब यह है कि परिवार के लिए यह सिर्फ एक झटका नहीं बल्कि एक सामाजिक-मानसिक संकट है: एक-तरफ उनका बेटा था, जिसने उन्हें विश्वास था कि मेहनत करेगा, पढ़ेगा, अच्छी नौकरी करेगा; दूसरी ओर अचानक उसे आरोप की श्रेणी में देखना उन्हें असहज और स्तब्ध कर रहा है। इस तरह के मामलों में परिवार को सामाजिक कलंक, मानसिक दबाव और भावनात्मक व विनाशकारी अनुभवों का सामना करना पड़ सकता है।

राजनीतिक और सुरक्षा स्तर पर भी इस प्रकरण ने सवाल खड़े कर दिए हैं — अगर वास्तव में व्यक्ति, जिसे परिवार ने सामान्य जीवन जीता हुआ माना, आतंककारियों से जुड़ सकता है, तो सुरक्षा-मशीनरी, जाँच-प्रक्रिया, ट्रेनिंग-मानक आदि सब पर पुनर्विचार अवश्य होगा। आम नागरिकों के लिए यह घटना चेतावनी-स्वरूप है कि अचानक क्या बदल सकता है और किसी भी संदेहास्पद गतिविधि पर नजर रखना क्यों महत्वपूर्ण है।

फिलहाल, इस मामले की जाँच National Investigation Agency (NIA) को सौंप दी गई है, और आगे की कार्रवाई में दोष-सिद्धि-प्रक्रिया, सबूत-संग्रह, न्यायिक सुनवाई की दिशा तय होगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
YouTube
LinkedIn
Share