Advertisement
लाइव अपडेटसमाचार
Trending

सर्दियों में माइग्रेन की समस्या क्यों बढ़ जाती है? एक्सपर्ट्स का खुलासा और बचाव के उपाय

Advertisement
Advertisement

सर्दियों का मौसम सिर्फ ठंडी हवा और चाय-कंबल नहीं, बहुत से लोगों के लिए माइग्रेन (गंभीर सिरदर्द) की तीव्रता बढ़ाने वाला समय भी बन जाता है। टीवी9 हिंदी की एक रिपोर्ट में एक्सपर्ट्स ने बताया है कि इस मौसम में माइग्रेन की खतरनाक बढ़त क्यों होती है और इसे कैसे रोका जा सके।

विशेषज्ञों का कहना है कि सबसे बड़ा कारण तापमान में तीव्र बदलाव है। ठंडी हवा के कारण शरीर की धमनियाँ सिकुड़ जाती हैं (vasoconstriction), जिससे मस्तिष्क में रक्त प्रवाह प्रभावित हो सकता है — यह माइग्रेन की शुरुआत में सहायक होता है। इसके अलावा, सर्दियों में बारोमेट्रिक प्रेशर में उतार-चढ़ाव (atmospheric pressure changes) आम है, और यह नर्व सिग्नल्स को उत्तेजित कर के माइग्रेन को ट्रिगर कर सकता है।

एक और महत्वपूर्ण ट्रिगर है डिहाइड्रेशन (पानी की कमी)। सर्दियों में लोग गर्म इलाकों में रहने लगते हैं और पानी कम पीते हैं, जिससे शरीर में तरलता कम हो जाती है। यह नज़ीरों (nasal passages) को सूखा कर सकता है और सिरदर्द को बढ़ा देता है।  इसी तरह, गीली हवा की कमी (low humidity), जो हीटर के उपयोग के कारण होती है, नासिका को परेशान कर सकती है और माइग्रेन के जोखिम को बढ़ा सकती है।

इसके अलावा, सर्दियों में दिन-रात का संतुलन बदलना और धूप की कमी (दिन के कम घंटे) मस्तिष्क में सेरोटोनिन (serotonin) के स्तर को प्रभावित करती है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यह न्यूरोकेमिकल असंतुलन माइग्रेन के दौरों की आवृत्ति को बढ़ा सकता है।

माइग्रेन पीड़ितों को राहत पाने के लिए एक्सपर्ट्स ने कुछ व्यवहार-उपाय सुझाए हैं:

  • पूरी तरह हाइड्रेटेड रहें — गर्म चाय, लेमन वॉटर या अन्य पेय पीकर पानी की कमी को पूरा करें।

  • ह्यूमिडिफायर का प्रयोग करें ताकि कमरे की हवा सूखी न हो और नासिका आराम पाए।

  • सिर और गर्दन को गर्म रखें — टोपी, स्कार्फ़ पहनें ताकि ठंडी हवा सीधे मस्तिष्क की रक्त-नलियों को प्रभावित न करे।

  • नियमित नींद का पालन करें — सर्दियों में नींद का चक्र बिगड़ सकता है, लेकिन 7-9 घंटे की नियमित नींद माइग्रेन के जोखिम को कम करती है।

  • तनाव प्रबंधन — योग, ध्यान या गहरी साँस-अभ्यास जैसी तकनीकों के जरिए सर्दियों की वजह से बढ़े तनाव को नियंत्रित करें।

  • विटामिन D का ध्यान रखें — कम धूप के कारण विटामिन D की कमी हो सकती है, इसलिए डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट लेने पर विचार करें।

माइग्रेन से ग्रस्त लोग यह समझ लें कि सर्दियों में सिरदर्द सिर्फ “ठंडी का असर” नहीं है — यह कई चिकित्सकीय और पर्यावरणीय कारकों का मिश्रण हो सकता है। सही सावधानियाँ और کچھ जीवनशैली में बदलाव माइग्रेन के जोखिम को काफी कम कर सकते हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
YouTube
LinkedIn
Share