
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo के पास तीन दिन से विमान संचालन में बड़ा संकट छाया हुआ है। गुरुवार (4 दिसंबर 2025) को कम-से-कम 175 उड़ानें रद्द की गईं — जिससे हजारों यात्री देश के प्रमुख एयरपोर्ट्स जैसे दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु और पुणे पर फंस गए।
पिछले दिन यानी बुधवार को भी करीब 150 उड़ानाएँ रद्द हुई थीं, और कई उड़ानों में लंबे समय की देरी आई थी।IndiGo ने इस खामियों के लिए पायलटों की कमी, नए पायलट-ड्यूटी नियम (FDTL), चेक-इन प्रणालियों में तकनीकी गड़बड़ी और बढ़ी भीड़ को जिम्मेदार ठहराया है।
इस disruption की वजह से कई यात्री अचानक से अपने गंतव्य की उड़ानें चूक गए — कुछ को लौटना पड़ा, कुछ को अगले उड़ान का इंतजार करना पड़ा। एयरलाइन्स ने माफी तो मांगी है और अगले 48 घंटे के अंदर अपने शेड्यूल को स्थिर करने का वादा किया है, लेकिन यात्रियों के लिए अभी असुविधा बना हुआ है।
विश्लेषकों का कहना है कि यह संकट केवल एक-दो दिन की परेशानी नहीं — बल्कि भारतीय घरेलू विमान सेवा प्रणाली और पायलट/फ्लाइट दल प्रबंधन में गंभीर कमी की ओर संकेत करता है। अगर समस्या जल्दी न सुधरी, तो IndiGo की समयनिष्ठा (On-time performance) व विश्वसनीयता को बड़ा झटका लग सकता है।



