
कोलकाता में एक नाबालिग के साथ हुए गैंगरेप केस पर दिए गए बयान को लेकर तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद कल्याण बनर्जी चौतरफा आलोचना का सामना कर रहे हैं। उनके बयान को असंवेदनशील और पीड़िता के अपमान वाला बताते हुए खुद टीएमसी के कई नेताओं ने सार्वजनिक तौर पर नाराज़गी जताई।
दरअसल, कल्याण बनर्जी ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए एक टिप्पणी की थी, जिसे कई लोग पीड़िता को दोषी ठहराने या घटना को हल्के में लेने जैसा मान रहे हैं। जब पार्टी के भीतर से उनकी आलोचना शुरू हुई तो कल्याण बनर्जी भड़क गए और अपनी ही पार्टी पर तीखा हमला बोल दिया। उन्होंने कहा—“मेरे बयान को समझने के लिए बौद्धिक समन्वय की ज़रूरत है।” उन्होंने आरोप लगाया कि उनके शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है और उनकी मंशा को गलत तरीके से दिखाया जा रहा है।
कल्याण बनर्जी ने यह भी कहा कि वह अपनी बात साफ़ कर चुके हैं, लेकिन कुछ लोग जानबूझकर इसे गलत दिशा में ले जा रहे हैं। उन्होंने पार्टी नेताओं को नसीहत दी कि सार्वजनिक मंच पर बयान देने से पहले उनकी बात को पूरी तरह समझें।
इस विवाद ने टीएमसी के भीतर मतभेद उजागर कर दिए हैं। पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने उनके बयान को शर्मनाक बताया और कहा कि ऐसी भाषा अस्वीकार्य है। पार्टी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने भी बयान से असहमति जताते हुए कहा कि इसे किसी भी हालत में जायज नहीं ठहराया जा सकता।
इधर, बीजेपी और विपक्ष ने भी इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया है। बीजेपी ने आरोप लगाया कि टीएमसी नेता पीड़िता के अपमान में लगे हैं और राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है।
कोलकाता गैंगरेप केस ने पहले से ही बंगाल की राजनीति को गर्म कर रखा है। अब टीएमसी के अंदरूनी विवाद और बयानबाज़ी से राजनीतिक माहौल और उग्र हो गया है। विपक्ष लगातार राज्य सरकार पर सवाल उठा रहा है जबकि TMC के नेता अपने ही साथी सांसद के बयानों से नाखुश दिख रहे हैं।