
दिल्ली उच्च न्यायालय ने BCAS द्वारा Celebi Aviation की सुरक्षा अनुमति वापस लेने के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा कि यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया था और “सुरक्षित रहना बेहतर है, पश्चाताप नहीं” के सिद्धांत पर आधारित है ।
सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल ने बताया कि इतने संवेदनशील क्षेत्र में सुरक्षा जोखिमों के चलते यह कदम उठाया गया था — “दुश्मन दस में से एक मौका लेता है, हमें हर बार सफल होना है” । वहीं Celebi की कानूनी टीम का कहना है कि कंपनी को पहले कोई नोटिस या सुनवाई का अवसर नहीं दिया गया, और यह निर्णय “एक‑लाइन लेटर” से लिया गया जो स्वाभाविक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है ।
Celebi ने कोर्ट को बताया कि उसकी 17,000 से अधिक भारतीय कर्मचारियों और नौ एयरपोर्ट पर प्रदत्त सेवाओं के मद्देनजर यह कार्रवाई अनुचित है। कंपनी ने आरोप लगाया कि यह केवल “सार्वजनिक धारणा” और तुर्की स्वामित्व के कारण किया गया
अदालत ने सरकार से इस निर्णय के पीछे गोपनीय कारण पेश करने के लिए कहा, और मामले की अगली सुनवाई 21 मई को निर्धारित की गई थी ।