
भारत-और-विदेशी मीडिया में आज प्रमुखता से खबर है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गाजा संघर्ष को समाप्त करने के लिए प्रस्तावित शांति-समझौते को लेकर हमास को केवल 48 घंटे का अल्टीमेटम दे दिया है और रविवार शाम 6 बजे (वॉशिंगटन, D.C. समय) तक सहमति न बनने की स्थिति में कड़ी कार्रवाई का संकेत दिया है। यह फैसला और अंतिम समय-सीमा ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर साझा किए गए अपने संदेश में व्यक्त की, जिसमें उन्होंने कहा कि यह “आखिरी मौका” है और यदि समझौता स्वीकार नहीं हुआ तो हमास के विरुद्ध ऐसी कार्रवाई होगी “जैसी अब तक नहीं देखी गई”। कुछ रिपोर्ट्स ने और भी कठोर भाषा का हवाला दिया है और लिखा है कि ट्रम्प की पोस्ट में विरोधियों को ढूँढ निकालने और गंभीर परिणामों की चेतावनी जैसा रुख भी झलकता है — इस तरह के वाक्यांशों को स्थानीय समाचार माध्यमों ने उद्धृत किया है।
अमेरिका के प्रस्ताव में तत्काल युद्धविराम, बचे हुए बंधकों की रिहाई, हमास का हथियार छोड़ना और गाजा में अंतरराष्ट्रीय प्रशासकीय ढाँचे के निर्माण जैसे अहम बिंदु शामिल बताए जा रहे हैं; इस योजना को इजरायल ने समर्थन दे दिया है जबकि कुछ मध्यस्थ देशों और फिलिस्तीनी प्रतिनिधियों ने और वार्ता की आवश्यकता जताई है। संघर्ष-ग्रस्त गाजा में मानवीय संकट गहरा चुका है और दोनों पक्षों-सहित क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बढ़ रहा है; ऐसे समय में इस तरह की अंतिम समय-सीमा से तनाव और जटिलताएँ तेज होने की आशंका व्यक्त की जा रही है।
इस विकास पर विश्व समुदाय, खासकर मिस्र और कतर जैसे मध्यस्थ राष्ट्र तथा संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रिया तथा हमास की औपचारिक प्रतिक्रिया अगले कुछ घंटों में गजब की दिशा तय करेगी — क्या समझौता अंतिम रूप लेगा या फिर सैन्य विकल्पों की परवानगी के साथ दृश्य और भी उग्र होंगे, यह अब अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और युद्धक्षेत्र दोनों पर निर्भर करेगा।