
पीईएसओ (Petroleum & Explosives Safety Organisation) के मुख्य विस्फोटक नियंत्रक की सीबीआई गिरफ्तारी
महाराष्ट्र में एक बड़े भ्रष्टाचार मामला प्रकाश में आया है, जिसमें पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सुरक्षा संगठन (PESO) के Joint Chief Controller of Explosives को 26 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इस गिरफ्तारी को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने किया है, और साथ ही एक निजी व्यक्ति भी इस मामले में आरोपी है।
मिली जानकारी के अनुसार, CBI को स्रोत सूचना मिली कि उक्त PESO अधिकारी निजी सलाहकारों और एजेंटों के साथ मिलीभगत कर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार कर रहे हैं। इस सूचना के आधार पर एक जाल बिछाया गया। उस ऑपरेशन के दौरान, एक निजी व्यक्ति को अधिकारी के आवास पर एक पैकेज सौंपते हुए पकड़ा गया। उस व्यक्ति ने पूछताछ में स्वीकार किया कि उसने अधिकारी की पत्नी को 9 लाख रुपये की रिश्वत दी है। संबंधित राशि अधिकारी के आवास से जब्त कर ली गई। इसके साथ ही, अन्य अघोषित नकदी की रकम 7.5 लाख रुपये भी पाई गई, जिसका स्रोत स्पष्ट नहीं था।
नहीं सिर्फ आवास, बल्कि अधिकारी के कार्यालय में भी छापे मारे गए। वहाँ एक एजेंट ने स्वीकार किया कि उसने 8 लाख रुपये रिश्वत स्वरूप लाए थे, जो उसकी गाड़ी से जब्त कर ली गई। इसके अतिरिक्त, कार्यालय में मौजूद एक आर्किटेक्ट ने बताया कि उसने 1.5 लाख रुपये रिश्वत के लिए लाए थे, जो अन्य सार्वजनिक अधिकारी को दिए जाने थे।
इन सभी जब्त राशियों को मिलाकर कुल लगभग 26 लाख रुपये की अवैध धनराशि बरामद हुई — जिसमें दी गई रिश्वत और अन्य अघोषित नकदी शामिल हैं। इसके साथ ही, CBI ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, बातचीत की वार्तालाप (chats) और PESO से संबंधित आवेदन सूची (application lists) भी अपने कब्जे में ली है।
गिरफ्तार दोनों आरोपियों को विशेष CBI न्यायालय, ठाणे (Thane) में पेश किया गया, जहां उन्हें 5 दिनों की PCR (परीक्षण अवधि) प्रदान की गई, जो 1 अक्टूबर 2025 तक है।
इस मामले की जांच यह देखेगी कि इस भ्रष्ट व्यवस्था में कौन-कौन शामिल थे — अधिकारी, मध्यस्थ या निजी सलाहकार — और किन कार्यालय कार्यों या लाइसेंस अनुमोदनों में गैरकानूनी रूप से लाभ पहुंचाया गया। इस तरह की कार्रवाई से सार्वजनिक भरोसा प्रभावित हो सकता है, और अन्य संवेदनशील विभागों में भ्रष्टाचार की जड़ें खंगल सकती हैं।