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🔍 समाचार विस्तार:
क्रैश के तुरंत बाद इंटरनेट पर यह दावा वायरल हुआ कि हादसे का कारण टर्किश टेक्निक, तुर्की की MRO कंपनी, द्वारा Air India के Boeing 787‑8 Dreamliner का मेंटेनेंस है। लेकिन तुर्की सरकार ने इन दावों को पूरी तरह बेबुनियाद और “फॉल्स डिसइन्फोर्मेशन” बताया ।
✅ तुर्की का स्पष्टीकरण:
- तुर्किश टेक्निक ने कभी भी Boeing 787‑8 मॉडल का मेंटेनेंस नहीं किया — उनके कॉन्ट्रैक्ट में केवल Boeing 777 शामिल हैं ।
- सरकार ने कहा कि यह दावा मीडिया में गलत ख़बरों को बढ़ावा देने, और दो देशों के बीच संबंधों को बिगाड़ने की साज़िश लगती है ।
- तुर्किश कम्यूनिकेशंस सेंटर फॉर काउंटरिंग डिसइन्फॉर्मेशन ने इसे “disinformation aimed at manipulating public opinion regarding Türkiye‑India relations” बताया ।
🇮🇳 भारत में क्या असर हुआ:
- DGCA ने Boeing 787 Dreamliner को लेकर पहले ही सख्त जांच का आदेश दे रखा था ।
- Air India ने भी हाल ही में अपनी मेंटेनेंस नीति का फेरविचार किया है—विशेषकर Turkish Technic पर निर्भरता को कम करने की ओर ध्यान दे रही है।
🛡️ क्यों महत्वपूर्ण?
- गलत सूचनाएँ दुश्मनी बढ़ा सकती हैं — ऐसे दावे दोनों देशों के बीच अविश्वास पैदा कर सकते हैं।
- एविएशन सुरक्षा नीति में सच्चाई जरूरी — जांच को प्रभावित करने से बचने के लिए सभी पक्षों का खुलापन जरूरी है।
- बड़े एयरलाइन MRO रणनीति बदल सकती हैं — राष्ट्रवादी या राजनैतिक दबाव कंपनियों को विकल्प की ओर प्रेरित कर सकते हैं।
🧭 निष्कर्ष:
तुर्की ने स्पष्ट किया कि एयर इंडिया ड्रिमलाइनर के रख‑रखाव में उनकी कोई भूमिका नहीं रही। यह स्पष्टीकरण एयर इंडिया की फ्लीट मेंटेनेंस नीतियों पर पड़ने वाले दबाव को नियंत्रित करने और फर्जी सूचनाओं के खिलाफ सावधानी बरतने में एक मजबूत कदम है।