
उत्तरकाशी में कुदरत का कहर: धराली गांव में बादल फटा, 4 की मौत, दर्जनों लापता
क्या हुआ?
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में 5 अगस्त की रात करीब 8:30 बजे धराली गाँव में बादल फटने की भयावह घटना हुई। ये गाँव गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर हर्षिल के पास स्थित है और हिमालय की गोद में बसा है। अचानक आई इस प्राकृतिक आपदा ने पूरी बस्ती को तबाही की चपेट में ले लिया। मात्र 34 सेकंड में खीर गंगा का पानी और मलबा पूरे गाँव में तबाही मचा गया।
तबाही का मंजर
- तेज बारिश के बाद खीरगंगा नदी उफान पर आ गई और भारी मलबा गाँव की ओर बहता चला आया।
- बाजार क्षेत्र, कई होटल, होम स्टे, दुकाने और एक प्राचीन मंदिर बह गए।
- कई स्थानीय निवासी और पर्यटक मलबे में दब गए, जिनमें से अभी तक 4 शव निकाले जा चुके हैं।
- लगभग 50 लोग लापता हैं और 15–40 लोगों को रेस्क्यू टीम ने अब तक सुरक्षित निकाला है।
वीडियो और प्रत्यक्षदर्शियों की गवाही
इस घटना के LIVE वीडियो भी सामने आए हैं, जिनमें लोग जान बचाकर भागते दिखाई दे रहे हैं। मलबे की दीवार सी बहती हुई दिखती है, जो लोगों के मकानों को चंद सेकंड में निगल लेती है।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि,
“सब कुछ बस 30-40 सेकंड में खत्म हो गया। एक शोर हुआ और पूरा इलाका अंधेरे और कीचड़ में डूब गया। किसी को कुछ समझने का मौका नहीं मिला।“
राहत और बचाव कार्य
- NDRF, SDRF, ITBP, सेना और राज्य प्रशासन की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं।
- घायलों को इलाज के लिए उत्तरकाशी और देहरादून के अस्पतालों में भेजा गया है।
- रेस्क्यू ऑपरेशन में अब भी कई लोगों की तलाश जारी है, लेकिन लगातार बारिश से कार्य में बाधा आ रही है।
मौसम विभाग की चेतावनी
- भारत मौसम विभाग (IMD) ने उत्तरकाशी समेत पूरे उत्तराखंड में रेड अलर्ट जारी किया है।
- 10 अगस्त तक भारी बारिश और भूस्खलन की आशंका जताई गई है।
स्थानीय प्रशासन की अपील
- लोगों को नदियों, झरनों और भूस्खलन-प्रवण क्षेत्रों से दूर रहने की हिदायत दी गई है।
- चारधाम यात्रा पर निकले यात्रियों को कुछ मार्गों पर रुकने और मौसम साफ होने तक न बढ़ने की सलाह दी गई है।
पूर्व चेतावनियों की अनदेखी पर सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस इलाके में कई बार भूवैज्ञानिक सर्वे और चेतावनी दी गई थी कि यहां निर्माण कार्यों और पर्यावरणीय असंतुलन से आपदा का खतरा है, लेकिन इसे नजरअंदाज किया गया।