
उत्तरकाशी धराली में बादल फटने से तबाही- रेस्क्यू अभियान युद्धस्तर पर
दुर्घटना की पूरी जानकारी:
5 अगस्त दोपहर करीब 1:45 बजे, गंगोत्री की ओर खीर गंगा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में अचानक बादल फटने से तेज बहाव, मलबा और पानी धराली गाँव में आया, जिससे होटलों, दुकानों और मकानों की चपेट में आ गए। कई हॉटल और होमस्टे बह गए, स्थान
स्तरित इमारतें क्षतिग्रस्त हुईं। कुछ स्थानों पर मिट्टी एवं गाद की मोटी परत तक 15 मीटर ऊंची रही।
जान-माल की क्षति:
अब तक 4 लोग मृत, जबकि लगभग 50 से 60 से अधिक लापता बताये जा रहे हैं; इनमें 8–11 भारतीय सेना के जवान भी शामिल हैं। अनुमानित रूप से 10–12 लोग मलबे में दबे हो सकते हैं।
राहत और बचाव में कौन शामिल?
भारतीय सेना, ITBP, NDRF, SDRF, स्थानीय पुलिस, प्रशासन—all रेस्क्यू ऑपरेशन में सक्रिय।
सेना के 150 सैनिक ने तेजी से 15–20 लोगों को बचाया, जबकि खोज जारी है। सैनिकों ने मलबा हटाकर दबे लोगों की तलाश की।
हेलीकॉप्टर (MI‑17, Chinook) तैनात हैं, लेकिन खराब मौसम के चलते अभी उपयोग सीमित है। कुल मिलाकर 3 NDRF टीम, 16 ITBP जवान, और अतिरिक्त बचाव दल सक्रिय हैं।
हेल्पलाइन नंबर (तत्काल सहायता हेतु):
जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र, हरिद्वार: 01374‑222126 / 222722 / 7310913129 / 7500737269
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र, देहरादून: 0135‑2710334 / 2710335 / 8218867005 / 9058441404
मोबाइल नंबर: 9456556431
टोल-फ्री सेवाएँ: 1077 (हरिद्वार), 1070 (देहरादून), 112 (सरकारी आपात सेवा)
इन नंबरों के माध्यम से जानकारी, पीड़ितों की स्थिति, या सुझाव के लिए संपर्क किया जा सकता है।
केंद्रीय और राज्य नेतृत्व की प्रतिक्रिया:
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी: हेलीकॉपर से प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण, “हर जीवन मायने रखता है” — बचाव कार्य जारी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: प्रभावितों के प्रति संवेदना, “पूरी मदद दी जा रही है।”
गृहमंत्री अमित शाह: मुख्यमंत्री से बातचीत, ITBP व NDRF की प्रतिक्रिया सुनिश्चित।
भाजपा सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत और राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने घटनास्थल पर नजर रखने और बचाव कार्य पर जानकारी साझा की।
रेस्क्यू में रुकावटें और मौसम की स्थिति:
लगातार बारिश, खराब मौसम और कटे हुए मार्गों ने बचाव कार्य में बाधा डाली।
IMD ने रेड अलर्ट जारी किया है और 10 अगस्त तक अन्य जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी है।
163 सड़कें (5 राष्ट्रीय राजमार्ग, 7 राज्य राजमार्ग, 2 सीमा मार्ग) अवरुद्ध हैं, जिससे कई इलाकों तक पहुंच मुश्किल हो गई।