
वरिष्ठ अमेरिकी पत्रकार रिक सांचेज ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन के बाद कहा है कि अब अमेरिका दुनिया का सबसे ताकतवर देश नहीं रहा। उनके अनुसार राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अस्थिर और विरोधाभासी विदेश नीतियों ने अमेरिका को कमजोर स्थिति में ला खड़ा किया है। सांचेज का मानना है कि ट्रंप की संवाद शैली—जहाँ वे एक दिन किसी से दोस्ती का संदेश देते हैं और अगले दिन दुश्मनी का—ने अमेरिका के पुराने सहयोगियों के बीच भरोसे का संकट पैदा कर दिया है।
उन्होंने यह भी कहा कि इस अस्थिरता का सबसे बड़ा फायदा चीन उठा रहा है, जो भारत जैसे देशों को व्यापार और रणनीतिक साझेदारी के लिए आकर्षित कर रहा है। चीन खुलकर कह रहा है कि वह भारत का सहयोगी बनना चाहता है और उसके उत्पादों व खनिजों का बड़ा खरीदार बनेगा। इससे स्पष्ट है कि भारत जैसे देश अब अमेरिका से अधिक चीन और रूस की ओर झुक रहे हैं।
सांचेज ने SCO और ब्रिक्स जैसे समूहों को पश्चिमी गठबंधनों से कहीं अधिक शक्तिशाली बताते हुए कहा कि आज की बहुध्रुवीय दुनिया में अमेरिका का प्रभाव तेजी से घट रहा है। वाशिंगटन पोस्ट और टाइम जैसी पत्रिकाओं ने भी हाल के विश्लेषणों में यही चेताया है कि अमेरिका अपनी वैश्विक स्थिति खोता जा रहा है और एक पोस्ट-अमेरिकन वर्ल्ड की ओर दुनिया बढ़ रही है।
कुल मिलाकर, रिक सांचेज का यह बयान केवल अमेरिका की घटती ताकत का इशारा नहीं है, बल्कि इस बात का संकेत भी है कि यदि ट्रंप प्रशासन ने अपनी नीतियों में स्पष्टता और स्थिरता नहीं लाई तो आने वाले वर्षों में अमेरिका वैश्विक शक्ति संतुलन में और पीछे चला जाएगा।