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"गलियारे से गीगावॉट तक: रिलायंस ने AGM में 'Reliance Intelligence' लॉन्च किया, AI-डेटा सेंटर होंगे ग्रीन पावर चालित"

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नई दिल्ली: 29 अगस्त, 2025 को आयोजित रिलायंस इंडस्ट्रीज़ (RIL) की 48वीं वार्षिक आम बैठक (AGM) में मुकेश अंबानी ने तकनीक-प्रेमियों और निवेशकों को चौंका देने वाले दो बड़े ऐलान किए—वह हैं नया AI वेंचर “Reliance Intelligence” और गूगल एवं मेटा के साथ रणनीतिक साझेदारी। इस कदम से न केवल RIL बल्कि पूरे भारत की AI रणनीति को नई दिशा मिली है।

1. Reliance Intelligence: भारत का नया AI इंफ्रास्ट्रक्चर वेंचर

मुकेश अंबानी ने AGM में “Reliance Intelligence” की घोषणा की—यह RIL की पूरी स्वामित्व वाली सहायक कंपनी होगी जिसकी ज़िम्मेदारी होगी भारत में गीगावॉट-स्तरीय, AI रेडी डेटा सेंटर बनाना। ये डेटा सेंटर पूरी तरह से क्लीन (शुद्ध) ऊर्जा द्वारा संचालित होंगे, जिससे पर्यावरणीय प्रभाव भी न्यूनतम रहेगा।

2. गूगल-रिलायंस साझेदारी: जमनगर में क्लाउड रीजन का गठन

एक और महत्वपूर्ण घोषणा में रिलायंस ने गूगल क्लाउड के साथ साझेदारी का ऐलान किया। इसके तहत Jamnagar, गुजरात में एक विशेष “Google Cloud Region” स्थापित किया जाएगा—यह एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म होगा जहाँ AI व कंप्यूट सेवाएँ प्रदान करने के लिए Google Cloud की क्षमताओं का उपयोग किया जाएगा, जो RIL के ऊर्जा, रिटेल, टेलीकॉम और अन्य व्यवसायों में AI को बढ़ावा देगा।

3. Meta-रिलायंस संयुक्त उद्यम: ₹855 करोड़ का निवेश

रिलायंस ने Meta (फेसबुक की पैरेंट कंपनी) के साथ मिलकर ₹855 करोड़ (लगभग $100 मिलियन) का संयुक्त उद्यम (Joint Venture) भी स्थापित किया है। इसका उद्देश्य एंटरप्राइज़-ग्रेड AI समाधान विकसित करना है, जिसमें ज़्यादा सुलभ AI तकनीकों को भारत भर में पहुचाने की योजना है।


प्रमुख मकसद और महत्व:

  • दीप-टेक एंटरप्राइज में RIL का परिवर्तन: Reliance Intelligence के लॉन्च से RIL एक टेक-फोकस्ड गहन तकनीकी कंपनी की ओर स्थानांतरित हो रहा है।

  • AI सेवाओं का विस्तार: यह पहल उपभोक्ता, छोटे व्यापारिक घरानों और बड़े उद्यमों को AI आधारित सेवाएं—जैसे हेल्थकेयर, एग्रीकल्चर और एजुकेशन—सस्ते और भरोसेमंद रूप में उपलब्ध कराएगी।

  • सस्टेनेबल टेक्नोलॉजी: सभी AI इंफ्रास्ट्रक्चर क्लीन ऊर्जा से संचालित होंगे, जो भारत की स्थिरता और ग्रीन एनर्जी लक्ष्य से मेल खाते हैं।

  • वैश्विक साझेदारी, घरेलू लाभ: गूगल की तकनीकी पहुँच और मेटा की AI क्षमताएं, दोनों ही रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ मिलकर भारत में AI अपनाने की राह को व्यापक और मजबूत बनाएंगी।

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