
ऑपरेशन महादेव में पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड की मौत पर पाकिस्तान बौखलाया
जम्मू-कश्मीर के लिडवास क्षेत्र में भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन महादेव’ में बड़ी सफलता मिली है। इस ऑपरेशन में तीन विदेशी आतंकवादियों को मार गिराया गया, जिनमें एक था सुलैमान शाह उर्फ हाशिम मूसा — जो कि अप्रैल 2025 में हुए पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड था। यह वही हमला था जिसमें भारतीय सुरक्षा बलों को भारी क्षति उठानी पड़ी थी।
हाशिम मूसा पाकिस्तान आर्मी के स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) का पूर्व कमांडो था, जो बाद में आतंकी संगठन TRF (The Resistance Front) से जुड़ गया। उस पर भारत सरकार ने ₹20 लाख का इनाम घोषित कर रखा था। ऑपरेशन महादेव में मारा गया यह आतंकवादी कई वर्षों से कश्मीर में सक्रिय था और पाकिस्तान के इशारे पर भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था।
सैटेलाइट सिग्नल से मिली लोकेशन:
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को सैटेलाइट फोन के जरिए आतंकियों की लोकेशन का पता चला। इसके बाद सुरक्षाबलों ने एक सटीक ऑपरेशन को अंजाम दिया जिसमें 3 आतंकवादी मारे गए। इस ऑपरेशन के तहत सुरक्षाबलों ने बिना किसी नुकसान के बड़ी सफलता प्राप्त की।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया:
भारत की इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की प्रतिक्रिया सामने आना शुरू हो गई है। पाकिस्तान ने एक बार फिर इस आतंकवादी की मौजूदगी को नकारते हुए इसे भारत की “घरेलू साजिश” या “फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन” बताया है। इससे पहले भी पाकिस्तान ने पहलगाम हमले की ज़िम्मेदारी TRF/LeT से जोड़े जाने को सिरे से खारिज कर दिया था और दावा किया था कि यह हमला भारत की घरेलू असंतुष्टि की उपज है।
पाकिस्तान ने यह भी दावा किया कि अगर भारत को हमले के पीछे TRF का शक है, तो वह इस मामले की स्वतंत्र और अंतरराष्ट्रीय जांच करवाने दे। हालांकि भारत ने पाकिस्तान के इस प्रस्ताव को यह कहकर खारिज कर दिया कि आतंकियों के पास से मिले हथियार, सैटेलाइट फोन और पाकिस्तानी कोड भाषा इस बात का ठोस सबूत हैं कि हमले में पाकिस्तान का हाथ है।
भारत की स्थिति स्पष्ट:
भारत सरकार और सुरक्षा बलों ने स्पष्ट कर दिया है कि यह ऑपरेशन भारत की आतंकवाद के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा था। गृह मंत्रालय ने भी बयान में कहा है कि कश्मीर में विदेशी आतंकियों की घुसपैठ को हर हाल में रोका जाएगा और इसके लिए किसी भी स्तर तक कार्रवाई की जाएगी।
राजनीतिक और रणनीतिक मायने:
भारत की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि अब कश्मीर में आतंक फैलाने की किसी भी कोशिश का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। वहीं पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मुद्दे पर घिरता नजर आ रहा है, क्योंकि ऑपरेशन के दौरान मिले सबूत पाकिस्तान की संलिप्तता को उजागर कर रहे हैं।