
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री Imran Khan, जो अगस्त 2023 से रावलपिंडी की Adiala Jail में बंद हैं, उनकी हिरासत और जीवन-सुविधाओं को लेकर हाल ही में सार्वजनिक हुए विवरणों ने एक बार फिर से विवाद और सवाल खड़े कर दिए हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, जेल प्रशासन की ओर से प्रस्तुत तस्वीरों में बताया गया है कि Imran Khan को उनकी छोटी कोठरी में एक सिंगल बेड, वॉशबेसिन, अटैच्ड वॉशरूम, कूलर, टीवी, एक कुर्सी और दो मेज़ जैसी मूल सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं। इसके अलावा, उनके लिए एक छोटी गैलरी (रिहाई के लिए नहीं — बल्कि रोज़मर्रा की व्यायाम और टहलने के लिए), एक निजी किचन और अध्ययन के लिए बुक-शेल्फ भी बताया गया है। इसके साथ ही उन्हें वॉचिंग टीवी, एक्सरसाइज बाइक, स्ट्रेचिंग बेल्ट जैसी सुविधाएँ भी दी गई हैं, ताकि वे स्वस्थ बने रहें।
हालाँकि, इन सुविधाओं के पीछे बड़ी संवेदनशील आशंका — कि उन्हें परिवार से मिलने नहीं दिया जा रहा — ने राजनीतिक और मानवाधिकार स्तर पर चिंता बढ़ा दी है। रिपोर्ट बताती है कि अगस्त 2023 से शुरू में उन्हें हर हफ्ते अपनी बहनों से मिलने की इजाज़त थी, लेकिन पिछले करीब चार हफ्तों से उन्हें किसी भी परिवारिक सदस्य या वकील से मिलने की अनुमति नहीं मिल रही है।
इस मुलाक़ात-निषेध को लेकर उनकी पार्टी Pakistan Tehreek-e-Insaf (PTI) और उनके समर्थकों ने कड़ी आपत्ति जताई है। पार्टी ने सरकार और जेल प्रशासन से मांग की है कि खान से परिवार और वकीलों की मुलाक़ात तुरंत सुनिश्चित की जाए। उनका कहना है कि इतनी लंबी अवधि तक किसी से मिलन न देना, जानकारी और पारदर्शिता की कमी, और बंदी की स्थिति को सियासी बदनाम-नियंत्रण के रूप में देखा जा रहा है।
वहीं, जेल प्रशासन का कहना है कि इन अफवाहों — कि खान को किसी दूसरी जेल में स्थानांतरित कर दिया गया है, या उनकी सेहत खराब है — का कोई आधार नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि Imran Khan Adiala जेल में ही हैं, उनकी सेहत ठीक है, उन्हें चिकित्सा सुविधाएं मिल रही हैं, और उन्हें किसी प्रकार की यातना या अनदेखी नहीं की जा रही है।
लेकिन सवाल अब भी जस के तस बने हुए हैं — कि जब सुविधा है, तो मुलाक़ातों पर रोक आखिर क्यों? क्या यह रोक सिर्फ खान को परिवार-समर्थकों से संदेश देने के लिए है? या यह एक राजनीतिक कदम है, ताकि उनकी आवाज़ या स्थिति सार्वजनिक-दबाव से दूर रहे?
इस बीच, जेल के बाहर उनकी पार्टी और समर्थक प्रदर्शन कर रहे हैं, और मांग कर रहे हैं कि खान की इंसाफ-सुविदा के साथ पारदर्शिता हो, और उन्हें कानूनी, पारिवारिक तथा मानवाधिकार की दृष्टि से उचित अधिकार मिले।



