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दिल्ली हवाई अड्डे पर एटीसी सर्वर क्रैश

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आज शुक्रवार, 7 नवंबर 2025 को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (दिल्ली) पर एक गंभीर तकनीकी समस्या के कारण विमानन संचालन में व्यापक व्यवधान उत्पन्न हुआ है। एक उच्चस्तरीय सूत्र के मुताबिक, एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) से जुड़े सर्वर में अचानक “ऑटोमैटिक मैसेज स्विचिंग सिस्टम” (AMSS) में गड़बड़ी आ गई, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 300 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को देरी से चलना पड़ा।

यह समस्या उस समय सामने आई जब ATC डेटा प्रोसेसिंग को समर्थन देने वाला सर्वर फेल हो गया, जिसके कारण रेडार-और-रेडियो मार्गदर्शन से विमानों को सामान्य गति से संचालित करना असंभव हो गया। ATC टीम को मैन्युअल मोड पर जाना पड़ा, जिससे टाइमलाइन पर असर पड़ा।

प्रभावित एयरलाइनों में प्रमुख रूप से IndiGo, Air India, SpiceJet और Akasa Air शामिल हैं। IndiGo ने अपने सोशल-मीडिया अकाउंट पर यह स्पष्ट किया कि “ongoing AMSS system issue affecting Air Traffic Control has led to delays and disruptions to travel plans”।

हवाई अड्डे की टर्मिनल बिल्डिंग में इस कारण यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। बोर्डिंग गेट्स और सूचना काउंटरों पर लंबी कतारें लगी रहीं, लोग अपनी उड़ानों की स्थिति का इंतजार करते दिखे। अधिकारी समस्या को शीघ्र हल करने में जुटे हुए हैं और यात्रियों से संयम व सहयोग की अपील की गई है।

विश्लेषकों का कहना है कि इस तरह की तकनीकी गड़बड़ी न केवल यात्रियों के लिए समस्या बनती है बल्कि हवाई सर्विसेज की विश्वसनीयता पर भी प्रश्नचिन्ह लगाती है। सुरक्षित विमानन संचालन में ATC सिस्टम का भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है — रेडार-एडवाइजरी, विमानों के मार्ग-निर्देशन तथा रनवे असाइनमेंट आदि का क्रियान्वयन ATC सिस्टम के माध्यम से ही संभव होता है।

इस घटना से यह बात स्पष्ट हुई है कि अपटाइम (उपलब्धता) और बैकअप सिस्टम की मजबूती विमानन इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए कितना आवश्यक है। भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटीज़ को अपनी टेक्निकल तैयारी, सर्वर रिडंडेंसी और संचालन की त्वरित बहाली की प्रक्रियाओं पर विशेष ध्यान देना होगा।

कुल मिलाकर, दिल्ली हवाई अड्डे पर हुई इस तकनीकी समस्या ने कई यात्रियों की योजनाओं को प्रभावित किया और विमानन संचालन की गति में बाधा डाल दी। एयरलाइंस, एयरपोर्ट और ATC सिस्टम — तीनों पक्षों के लिए इसने एक चेतावनी-घंटा बजा दिया है कि टेक्नोलॉजी जितनी उन्नत हो, उसकी विश्वसनीयता और तत्परता भी उतनी ही अहम है।

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