
उप-राष्ट्रपति चुनाव 2025: जब बीजेपी ने लालू यादव से मुलाकात पर सवाल उठाए
उप-राष्ट्रपति चुनाव से ठीक एक दिन पहले, विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बी. सुदर्शन रेड्डी द्वारा आरजेडी प्रमुख और चेतन दोष सिद्ध लालू प्रसाद यादव के साथ हालिया बैठक ने राजनीति के बीच हलचल मचा दी है। इस मुलाकात को लेकर भाजपा ने उन्हें कड़ी आलोचना के घेरे में ला दिया है।
बीजेपी नेता रवि शंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवाल उठाया—
“आप कौन से न्यायाधीश हैं जो ‘राष्ट्र की आत्मा बचाने’ जैसी बातें कहते हुए एक भ्रष्टाचार दोषी से मिलते हैं? यह चरम पाखंड है।”
भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने भी ट्वीट में इस मुलाकात को सार्वजनिक जीवन की पारदर्शिता के प्रति “एक चौंकाने वाला बयान” कहा और यह बताया कि लालू यादव उप-राष्ट्रपति निर्वाचक मंडल में वोटर नहीं हैं—इस अवसर पर इसकी कोई वैध राजनीतिक आवश्यकता नहीं थी।
इसके अलावा, 25 वरिष्ठ विधि विद्वानों ने भी इस बैठक की तीखी निंदा की। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव जो फोडर घोटाले में सजायाफ्ता हैं, उनसे न्यायमूर्ति रेड्डी का मुलाकात करना उनकी निर्णय क्षमता और राजनैतिक प्राथमिकताओं पर गंभीर सवाल उठाता है। “यह न केवल चिंता का विषय है, बल्कि एक उच्च संवैधानिक पद की आकांक्षा रखने वाले की निर्णय प्रक्रिया में एक बुनियादी त्रुटि का संकेत है,” उनके संयुक्त बयान में कहा गया।
वहीं, सुदर्शन रेड्डी ने चुनकर आने वाले सांसदों से अपील की कि इस चुनाव में पार्टी की वफादारी के बजाय देश के प्रति प्रेम ही उनका मार्गदर्शन करे। उन्होंने कहा कि वोट गोपनीय है और यह संवैधानिक पद की गरिमा की रक्षा करने का अवसर है — “राष्ट्र की आत्मा बचाने” और “लोकतंत्र के मंदिर” को मजबूत बनाए रखने जैसी भावनात्मक अपील की आवश्यकता इसी भावना से है।
इस राजनीतिक तूफान के बीच चुनाव से ठीक पहले यह विवाद और गरमाता प्रतीत होता है। यह बैठक उप-राष्ट्रपति चुनाव के पूर्व संवाद-रूप में एक बड़ा सवाल उठाती है—क्या संवैधानिक पद की सचेत प्रयाप्तता और संवेदनशीलता को सार्वजनिक जीवन की छवि से जोड़कर देखा जाना चाहिए? यह बहस आने वाले दिनों में और तीव्र हो सकती है।