
राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक नाइटक्लब उस वक्त खौफ का अड्डा बन गया, जब वहां मनोरंजन के लिए पहुंचे एक कपल के साथ कथित तौर पर छेड़छाड़ की कोशिश की गई और विरोध करने पर उनके साथ बेरहमी से मारपीट की गई। यह घटना शहर की नाइटलाइफ और सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। पीड़ितों का आरोप है कि नाइटक्लब के भीतर कुछ युवकों ने महिला के साथ अभद्र व्यवहार किया, जिसका विरोध करने पर हालात बेकाबू हो गए और बात हाथापाई से आगे बढ़ गई।
पीड़ित कपल के अनुसार, जब उन्होंने छेड़छाड़ का विरोध किया तो आरोपियों ने न केवल गाली-गलौज की, बल्कि उन्हें घेरकर पीटा भी। महिला के साथ बदसलूकी के दौरान क्लब का माहौल पूरी तरह अराजक हो गया, लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि मौके पर मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने समय पर हस्तक्षेप नहीं किया। इससे आरोपियों के हौसले और बढ़ गए और पीड़ितों को गंभीर चोटें आईं। घटना के बाद कपल किसी तरह जान बचाकर बाहर निकल सका।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस हरकत में आई और पीड़ितों की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया। पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और आरोपियों की पहचान कर ली गई है। शुरुआती जांच में यह भी सामने आया है कि नाइटक्लब में भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा प्रबंधन में भारी लापरवाही बरती जा रही थी। पुलिस ने क्लब प्रबंधन की भूमिका की भी जांच शुरू कर दी है कि आखिर ऐसे हालात में सुरक्षा इंतजाम नाकाफी क्यों थे।
इस घटना के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। कई यूजर्स ने जयपुर जैसे पर्यटन और सांस्कृतिक शहर में इस तरह की घटनाओं को कानून-व्यवस्था की विफलता बताया है। महिला संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए मांग की है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो और नाइटक्लब व पब्स की सुरक्षा व्यवस्था की व्यापक समीक्षा की जाए। उनका कहना है कि अगर ऐसे मामलों में कठोर संदेश नहीं दिया गया, तो महिलाओं का सार्वजनिक स्थानों पर निकलना और असुरक्षित हो जाएगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना सिर्फ एक कपल पर हमला नहीं है, बल्कि यह समाज की उस मानसिकता को उजागर करती है, जिसमें विरोध करने वालों को डराने और दबाने की कोशिश की जाती है। नाइटक्लब जैसे स्थानों पर शराब और भीड़ के बीच सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन न होना ऐसे अपराधों को बढ़ावा देता है। प्रशासन से अपेक्षा की जा रही है कि वह लाइसेंसिंग नियमों, सुरक्षा गार्डों की तैनाती और सीसीटीवी निगरानी को लेकर सख्त दिशा-निर्देश लागू करे।



