
पक्ष–विपक्ष की भिड़ंत: वेस्ट बंगाल विधानसभा में अल्पसंख्यक विधेयक को लेकर TMC-BJP का ज़बरदस्त संघर्ष
पश्चिम बंगाल विधानसभा में आज एक राजनीतिक तूफ़ान उठा जब अल्पसंख्यक विधेयक पर चर्चा के दौरान सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (TMC) और विपक्षी बीजेपी के विधायकों के बीच भिड़ंत हो गई। सदन में जबरदस्त नारेबाज़ी, आरोप-प्रत्यारोप, और विधायकों के निलंबन ने पूरे प्रासाद को अशांत कर दिया।
टीएमसी बनाम बीजेपी: आरोपों की बहार
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में विपक्षी बीजेपी पर “भाषायी आतंकवाद” फैलाने का आरोप लगाया, जिससे माहौल और ज़्यादा गरम हो गया। उन्होंने बीजेपी पर “एंटी-बंगाली” रुझानों का आरोप लगाते हुए कहा कि यह पार्टी बंगाली पहचान को ख़त्म करने की राजनीति कर रही है।
निलंबन और बाहर निकाला जाना
चर्चा के दौरान बीजेपी और TMC विधायक जोरदार नारेबाज़ी में शामिल रहे—कुछ ने दस्तावेज फाड़े, कुछ ने फिज़िकल टकराव तक किया। परिणामस्वरूप, बीजेपी के पाँच विधायकों—शंकर घोष (मुख्य व्हिप), अग्निमित्रा पॉल, मिहिर गोस्वामी, अशोक डिंडा, और बांकीम घोष—को निलंबित कर दिया गया। सुरक्षा कर्मचारियों ने उन्हें सदन से बाहर खींचा, और शंकर घोष को अस्पताल ले जाने तक की नौबत आ गई।
विधेयक पर स्थिति और आगे की चुनौतियाँ
अल्पसंख्यक विधेयक पर चर्चा पूरी तरह से बाधित हो गई। BJP ने वॉक आउट करते हुए सदन छोड़ दिया, जबकि TMC ने विधेयक को आगे बढ़ाने के लिए अपनी बहुमत शक्ति का उपयोग किया। इस राजनीति तूफान ने बतलाया कि बंगाल विधानसभा अब गहन राजनैतिक विवादों का अखाड़ा बन चुकी है।