
समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश, अखिलेश यादव, ने चुनाव आयोग (EC) पर ‘वोट चोरी’ को लेकर तीखा हमला बोला है। उन्होंने चुनाव आयोग द्वारा की गई कार्रवाइयों पर सवाल उठाया और पूछा कि अब तक क्या कार्रवाई हुई है, जब उन्होंने 18,000 मतदाताओं के नामों को सूची से हटाए जाने की शिकायत पहले ही शपथपत्र (affidavit) के माध्यम से की थी। यह आरोप उन्होंने लखनऊ में मीडिया से बात करते हुए दोहराया है।
उन्होंने जोरदार अंदाज में कहा कि यूपी में हुए उपचुनाव में भी वोट चोरी की घटना हुई थी और यह केवल एक मामला नहीं बल्कि प्रणालीगत समस्या है। उन्होंने तर्क दिया कि चुनाव आयोग की कार्रवाई धीमी और अनुत्तरदायी है, जबकि ऐसी गड़बड़ियों में शामिल जिला अधिकारी निलंबित तक नहीं हुए।
अखिलेश यादव ने यह भी चेतावनी दी कि जब लोकतंत्र का आधार—मतदाता सूची—ही प्रभावित हो जाए, तो देशव्यापी अविश्वास की स्थिति पैदा हो जाती है। उन्होंने मांग की कि स्पष्ट और समयबद्ध तरीके से कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया की विश्वसनीयता बनी रहे।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब सियासत में वोटर लिस्ट संशोधन (SIR) और ‘वोट चोरी’ के आरोप खासकर बिहार चुनाव से पहले काफी गर्मा गए हैं। विपक्ष इस मुद्दे को लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रश्न मानते हुए चुनाव आयोग और सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहा है।