
सोशल मीडिया पर इन दिनों एक प्यारा और मजेदार वीडियो खूब वायरल हो रहा है—जिसमें एक बुजुर्ग महिला (दादी) Artificial Intelligence (AI) चैटबॉट से जुड़कर आराम से पूछती हैं, “हमको भी फोन दिला दो”। यह मासूम और चौंकाने वाला अनुरोध इंटरनेट पर धूम मचा रहा है और लोगों को खूब हँसा रहा है।
वीडियो में दिखता है कि दादी बार-बार AI से बात करती हैं, यह जानने की कोशिश करती हैं कि वह चैटबॉट कहाँ रहता है—“तुम रहते कहां हो, हम तेरे पास आएंगे”—लेकिन जब चैटबॉट विनम्रता से कहता है कि वह सिर्फ ऑनलाइन है, और उसका कोई भौतिक पता नहीं है, तो दादी परेशान और निराश हो जाती हैं।
फिर दादी सीधे AI से कहती हैं, “हमको फोन दिला दो,” एक भावुक-मासूम मांग जो टेक्नॉलजी की सीमाओं को बड़े ही मज़ाकिया अंदाज़ में उजागर करती है। AI भी विनम्रता से जवाब देता है कि वह केवल आभासी (वर्चुअल) मदद कर सकता है, असली फोन दिलाने में सक्षम नहीं है।
इस हल्के-फुल्के संवाद ने सोशल मीडिया पर लोगों का मनोरंजन किया है। वीडियो अब तक लाखों बार देखा जा चुका है, और लोग “दादी ने ChatGPT की लंका जला दी”, “अंतिम मासूम पीढ़ी”, जैसे फनी कमेंट्स करते नहीं थक रहे। कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स ने लिखा:
“दादी ने धमाल मचा दिया, ChatGPT हैरान हो गया।”
या फिर,
“ChatGPT की लंका लगा दी दादी ने।”
यह वीडियो दर्शाता है कि AI और जनरेशन गैप के बीच हास्य से भरे पल कैसे बनते हैं।
यह केवल एक मनोरंजक वीडियो नहीं है—बल्कि यह टेक्नॉलजी की सीमाओं, हमारी समझ और भावनात्मक जुड़ाव की भी तस्वीर पेश करता है। एक ओर जहां AI बड़े काम कर सकता है, वहीं दूसरी ओर एक बुजुर्ग की सरल, भावुक जरूरत भी टेक्नॉलॉजी की जटिलताओं से बाहर नज़र आती है।