Advertisement
क्रिकेट
Trending

भारत से हार के बाद मोहम्मद यौसुफ ने लाइव टीवी पर सुर्यकुमार यादव को कहा “Suar Kumar”

Advertisement
Advertisement

आसिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए मुकाबले (Group A) के बाद सिर्फ मैदान पर भारत की जीत ही चर्चा में नहीं है, बल्कि उसके बाद की राजनीति और बयानों ने भी क्रिकेट के पवित्र रंग में तीखी खटास भर दी है। भारत ने पाकिस्तान को सात विकेट से हराकर एक शानदार प्रदर्शन किया। भारत की टीम ने सिर्फ 15.5 ओवरों में लक्ष्य हासिल कर लिया, जबकि पाकिस्तान की टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए 127-9 पर सिमट गई।

इस हार के बाद पाकिस्तान के कुछ पूर्व खिलाड़ियों ने लाइव टीवी पर भारत-पाकिस्तान मैच की आलोचनाएँ करने की शुरुआत कर दी है। विशेष रूप से पूर्व कप्तान मोहम्मद यौसुफ ने एक टीवी पैनल शो के दौरान सुर्यकुमार यादव के नाम को “Suar Kumar Yadav” कहकर अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया और उन्हें “suar” यानी सुअर कह डाला।

यौसुफ ने इसके अलावा आरोप लगाया कि भारत ने मैच रेफरी और अंपायरों के साथ मिलकर पाकिस्तानी टीम को “तोड़ने-मरोड़ने” की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि भारतीय बोर्ड और अधिकारियों ने खेल-नियमों और रेफरी की भूमिका को इस तरह प्रभावित किया कि पाकिस्तान को “उत्पीड़न” झेलना पड़ा।

विराट विरोधाभास है कि इस विवादों के बीच, मैच के नतीजे में सुर्यकुमार यादव ने शानदार बल्लेबाज़ी की और टीम को जीत दिलाई। उन्होंने मैच के बाद बयान देते हुए इस जीत को पलगाम हमले के शहीदों और भारतीय सशस्त्र बलों को समर्पित किया।

दूसरी ओर, “नो-हैंडशेक” घटना (India की टीम द्वारा परंपरागत हाथ मिलाने से इनकार) ने चीजों को और बिगाड़ दिया है। टॉस से लेकर मैच समाप्ति तक यह तनाव बना रहा।پاکستان को यह बताने के अवसर नहीं मिले कि वह खेल की भावना को बरकरार रखते हुए प्रतिस्पर्धा करें।


परिणाम एवं विचारणीय पहलू:

  • इस तरह के अशिष्ट भाषा प्रयोग और व्यक्तिगत हमले क्रिकेट-मंडलीय अखंडता को प्रभावित करते हैं। खेल-सम्बंधित विवादों से अधिक यह दर्शाता है कि राष्ट्रीय भावना और राजनीतिक दबाव कितना गहरा है।

  • “हैंडशेक न करना” जैसी घटनाएँ खेल भावना और परंपराएँ प्रभावित कर सकती हैं। यह सिर्फ एक मैच का मामला नहीं, बल्कि भावनात्मक-राजनैतिक संकेत है कि किस तरह से खेल भी कभी-कभी द्विपक्षीय तनाव और पहचान के संघर्ष का मैदान बन जाता है।

  • सुर्यकुमार यादव और भारतीय टीम की शांतिपूर्ण रवैये और खेल प्रदर्शन ने यह दिखाया है कि खिलाड़ियों की मानसिक मजबूती महत्वपूर्ण होती है, जबकि विरोधी बयानबाज़ी से बचना चाहिए।

  • पाकिस्तानी क्रिकेट बोर्ड (PCB) और मीडिया विशेषकर उन पूर्व खिलाड़ियों की भूमिका पर सवाल उठा जाएगा जिन्होंने इस तरह के तंज और आरोप लगाने में पीछे नहीं हटे। ऐसी आलोचनाएँ क्रिकेट को आगे नहीं बढ़ाती बल्कि विवादों को जन्म देती हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
YouTube
LinkedIn
Share