
दिल्ली-एनसीआर में जहरीली हवा का कहर: AQI 450 पार, स्वास्थ्य संकट घिरा
Delhi-एनसीआर क्षेत्र में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहद चिंताजनक हो गया है। ताजी जानकारी के अनुसार कुछ इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 450 से अधिक दर्ज किया गया है, जो ‘गंभीर (Severe)’ श्रेणी में आता है। खासतौर पर Ghaziabad में AQI 548 तक पहुंच गया है, जबकि Noida में 468, दिल्ली में 445 का रिकॉर्ड सामने आया है।
इसकी प्रमुख वजहें मौसम-संबंधी परिस्थितियाँ, वाहन-उत्सर्जन, निर्माण धूल और आसपास के राज्यों से पारदर्शक रूप से आने वाला प्रदूषण-धुआँ हैं। ठंडी हवाओं के आभाव और वायुमंडलीय स्थिरता ने इस संकट को और गंभीर बना दिया है, जिससे प्रदूषित कण (पीएम2.5/पीएम10) नीचे जम रहे हैं तथा शहरी वायुमंडल में ठहराव बना हुआ है।
इस खतरनाक स्तर के साथ, स्वास्थ्य-विशेषज्ञों ने बचाव के लिए कई सुझाव दिए हैं। खासकर बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा-हृदय रोगियों को घर के अंदर रहने, मास्क पहनने और वायु शुद्ध करने वाले उपकरणों का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है।
सियासी और प्रशासनिक मोर्चे पर भी अब तक हलचल तेज है। Commission for Air Quality Management (CAQM) और अन्य प्राधिकरणों ने ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तहत विभिन्न प्रतिबंध लागू कर दिए हैं — जैसे निर्माण कार्यों पर रोक, भारी-वाहनों की आवाजाही सीमित करना, बिजली-उत्पादन में जलीय‐ईंधन का उपयोग घटाना आदि।
हालाँकि, इन उपायों के बावजूद प्रदूषण की निरंतरता इस बात का संकेत है कि समस्या सिर्फ तकनीकी नहीं बल्कि संरचनात्मक और मौसम-आधारित भी है। अनेक विशेषज्ञ कह रहे हैं कि इस तरह की स्थिति कई साल से दृष्टिगोचर होती आ रही है लेकिन ठोस और समन्वित कार्रवाइयाँ अभी तक पर्याप्त नहीं रही हैं।
निजी जीवन पर इसका असर भी बुरी तरह दिख रहा है — आँखों में जलन, गले में खराश, सांस लेने में कष्ट, बच्चों में खांसी-जुकाम जैसी शिकायतें बढ़ रही हैं। लोगों को शहरी-जीवन में निकलने-वापस आने में डर लग रहा है।
इस संकट के समय नागरिकों को यह भी सुझाव दिया जा रहा है कि संभव हो तो दिन के सबसे स्वच्छ समय (सूर्योदय से थोड़ी देर बाद) में ही बाहर जाएँ, वायु-शुद्धक यन्त्र/हवा फिल्टर का उपयोग करें और वायु-प्रदूषण की स्थितियों पर नजर रखें।



