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इंडिया को छोड़ना मत’ — हरिस रऊफ से भावुक पाक समर्थक का वीडियो वायरल

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दुबई: एशिया कप 2025 के फाइनल मुकाबले से पहले भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट का तनाव बहुआयामी रूप ले चुका है। हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें एक पाक समर्थक हरिस रऊफ से हाथ मिलाते हुए भावुक होकर कहता दिखाई देता है:

“India ko chhodna mat… badla lena hai… Khuda ka vaasta hai।” NDTV Sports+2Cricket Country+2

इस दृश्य ने क्रिकेट प्रेमियों में नया बहस खड़ा कर दिया है — क्या यह खेल का हिस्सा है या राजनैतिक व मानसिक भावनाओं का उफान?

घटना का क्रम

पाकिस्तान ने बांग्लादेश को सुपर-फोर राउंड में 11 रन से हराया और फाइनल का सामना भारत से तय किया। जीत के बाद मैदान पर हरिस रऊफ कुछ देर स्टैंड्स की ओर गए और फैंस से हाथ मिलाया। उसी समय एक समर्थक ने उन्हें कहते सुना गया: “India ko chhodna nahi… badla lena hai”
रऊफ ने उस समर्थक को सांत्वना दी और धीरे-धीरे उस स्थान से चले गए।

सोशल मीडिया और प्रतिक्रियाएँ

वीडियो तेजी से वायरल हो गया और भारतीय क्रिकेट प्रेमियों की प्रतिक्रिया तीव्र रही। यह कहा गया कि भावनाओं को इस तरह मैदान और सामने लाना अनावश्यक उत्तेजना पैदा कर सकता है।
कुछ विश्लेषकों का कहना है कि भारत-पाक मुकाबले में संवेदनशील वातावरण पहले से है — राजनीतिक तनाव, ऐतिहासिक प्रतिद्वंद्विता और हाल की घटनाएँ सब मिलकर इस मैच पर एक अलग तरह का दबाव बना रही हैं।

पिच पर पहले से खिंचाव

यह घटना अकेली नहीं है। इस टूर्नामेंट में भारत-पाक मुकाबलों में पहले ही कुछ विवादित व्यवहार सामने आ चुके हैं:

  • हरिस रऊफ द्वारा 6-0 इशारा किया जाना, जिसे कई मीडिया ने एक प्रतीकात्मक बयान के रूप में देखा।

  • साहिबजादा फरहान ने अपने अर्धशतक के बाद बैट को “मशीन गन” की तरह घुमाया था।

  • BCCI ने उन इशारों को “प्रोवोकटिव” बताते हुए ICC में शिकायत की है।

ये घटनाएँ दर्शाती हैं कि इस मुकाबले में केवल खेल सुर्खियों में नहीं है — प्रतिद्वंद्विता, भावनाएँ और दबाव भी बराबर भूमिका निभा रहे हैं।

संभावित असर और आगे

  • मानसिक दबाव: ऐसे इशारे और संवाद रऊफ समेत टीम पाकिस्तानी खिलाड़ियों पर मानसिक दबाव डाल सकते हैं।

  • नियामक हस्तक्षेप: ICC या अन्य क्रिकेटिंग संस्थाएँ ऐसी घटनाओं पर निगरानी और कार्रवाई कर सकती हैं।

  • खेल और राजनीति का मिश्रण: यह स्पष्ट संकेत है कि इस मुकाबले में खेल से आगे की भावनाएँ, आलोचनाएँ और प्रतीकात्मक बातें जेहर की तरह काम कर सकती हैं।

  • फैंस की भूमिका: समर्थकों का उत्साह और भावुकता मैच के माहौल को पलट सकती है — अच्छी या बुरी दिशा में।

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