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2030 में कॉमनवेल्थ गेम्स में मेजबानी के लिए अहमदाबाद को चुना गया

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भारत ने एक बड़ा कदम उठाते हुए 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेज़बानी के लिए अहमदाबाद को अपना आधिकारिक दावेदार चुना है। बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगा दी गई। इस निर्णय के बाद भारत औपचारिक रूप से कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स फेडरेशन के समक्ष बोली लगाएगा। अगर यह बोली सफल होती है, तो भारत दूसरी बार इन खेलों की मेज़बानी करेगा। इससे पहले 2010 में दिल्ली ने कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन किया था।

सरकार ने कहा कि अहमदाबाद को इसलिए चुना गया क्योंकि यह शहर आधुनिक खेल सुविधाओं, विश्वस्तरीय स्टेडियम और बेहतर बुनियादी ढांचे से लैस है। यहां नरेंद्र मोदी स्टेडियम पहले से ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाना जाता है, जो दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम है। 2023 के आईसीसी वर्ल्ड कप फाइनल सहित कई अहम आयोजनों की मेज़बानी कर चुका यह स्टेडियम अब कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए भी अहम भूमिका निभा सकता है।

खेल मंत्रालय के मुताबिक, कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन सिर्फ खेल के स्तर को ऊँचा उठाने तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह भारत में पर्यटन, रोजगार और आर्थिक विकास को भी नई रफ़्तार देगा। अनुमान है कि इससे होटल इंडस्ट्री, परिवहन, आयोजन प्रबंधन, मीडिया और आईटी सेक्टर को बड़ा लाभ मिलेगा। इसके अलावा युवाओं को खेलों की तरफ आकर्षित करने और खेल विज्ञान व ट्रेनिंग के क्षेत्र में नए अवसर पैदा करने में भी मदद मिलेगी।

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत इस आयोजन के ज़रिए दुनिया को यह संदेश देना चाहता है कि वह न केवल आर्थिक और राजनीतिक मोर्चे पर मज़बूत है बल्कि वैश्विक खेल आयोजनों की मेज़बानी करने में भी सक्षम है। यह आयोजन भारत की उस बड़ी महत्वाकांक्षा से भी जुड़ा हुआ है जिसके तहत वह 2036 ओलंपिक की मेज़बानी करना चाहता है। अहमदाबाद को लेकर पहले से यह चर्चा है कि यदि कॉमनवेल्थ गेम्स यहां सफलतापूर्वक आयोजित होते हैं तो यह 2036 ओलंपिक की तैयारी का आधार बन सकता है।

अहमदाबाद में अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा, मेट्रो कनेक्टिविटी, बड़े होटल और आधुनिक शहरी ढाँचा मौजूद है। गुजरात सरकार ने पहले ही घोषणा की है कि वह खेल गांव, एथलीट्स विलेज और अन्य जरूरी ढांचे को और मज़बूत करेगी। केंद्र सरकार भी इस दिशा में वित्तीय सहायता देने को तैयार है।

कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब बोली दस्तावेज़ 31 अगस्त 2025 तक जमा करने होंगे। इसके बाद कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स फेडरेशन की महासभा नवंबर 2025 में स्कॉटलैंड के ग्लासगो में इस पर अंतिम निर्णय लेगी। यदि भारत की बोली को स्वीकृति मिलती है तो 2030 में अहमदाबाद पूरी दुनिया के एथलीट्स और दर्शकों का स्वागत करेगा।

यह फैसला भारतीय खेल जगत के लिए ऐतिहासिक साबित हो सकता है, क्योंकि एक ओर जहां यह खिलाड़ियों के लिए नई प्रेरणा बनेगा, वहीं देश की वैश्विक छवि को भी नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा।

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