Advertisement
लाइव अपडेटविश्व
Trending

हमास की ‘वापसी’ में धोखे की गंध

Advertisement
Advertisement

इज़रायली सेना के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ़्टिनेंट जनरल इयाल जमीर ने स्पष्ट किया है कि जब तक सभी बंधकों को सुरक्षित वापस नहीं लाया जाता, तब तक वे “आराम करने” की स्थिति में नहीं होंगे। हाल ही में, हमास द्वारा चार मृत बंधकों की वापसी की गई, लेकिन उनमें से एक शव की पहचान नहीं हो सकी — इज़राइल का कहना है कि उस शव का कोई मिलान उन बंधकों से नहीं हुआ, जिन्हें उन्होंने कहा था कि वे झेल रहे हैं।

इस मामले को लेकर दक्षिणपंथी मंत्री इटमार बेन-ग्वीर ने हमास पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे “खेल” और “परिवारों के साथ धोखा” करार दिया, और कहा कि नाजी आतंकवाद सिर्फ कड़ी शक्ति के जवाब को ही समझता है। बेन-ग्वीर ने सोशल मीडिया पर लिखा कि कुछ क्षण पहले ही सीमा पार ट्रक पास हुए थे, लेकिन हमास तुरंत अपनी पुरानी चालों पर लौट आया — झूठ, धोखा और मृतकों के साथ दुष्कर्म।

इज़राइली सेना ने पुष्टि की है कि उस एक शव का डीएनए परीक्षण किया गया और वह किसी भी ज्ञात बंधक से मेल नहीं खाता। सेना ने कहा कि हमास को अपने वादों के अनुरूप सभी मृत बंधकों को लौटाना अनिवार्य है।

जमीर ने बयान दिया है कि यह उनका “नैतिक, राष्ट्रीय और यहूदी कर्तव्य” है कि वे हर बंधक को वापस लाएं। उन्होंने यह भी कहा कि राजनीतिक नेतृत्व के साथ समन्वय में वे हर समझौते को लागू करने के लिए दृढ़ बने रहेंगे।

मामले की पृष्ठभूमि यह है कि हाल में जारी युद्धविराम समझौते के अंतर्गत हमास ने बंधकों की वापसी और मृत बंधकों के शवों की अदला-बदली का प्रस्ताव रखा था। लेकिन जिस एक शव की पहचान नहीं हो पा रही है, उससे इस पूरी प्रक्रिया की वैधता और भरोसा दोनों ही प्रश्नों के घेरे में आ गया है।

अंतरराष्ट्रीय व नर्सरी संस्थाएँ एवं मध्यस्थ इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी कर रही हैं, क्योंकि इस तरह की गलतियों या जानबूझ कर किए गए दावों से हीराफेरी या तनाव उत्पन्न हो सकता है। साथ ही, इज़रायल की ओर से कहा गया है कि यदि हमास मृत बंधकों को लौटाने में और देरी करता है, तो मानवीय सहायता सीमित करने की चेतावनियाँ भी दी गई हैं।

इस तरह की घटनाएं संघर्षविराम की नाजुक स्थिति को और अस्थिर बना सकती हैं — विश्वास की कमी, आरोप-प्रत्यारोप और सैन्य कार्रवाई की पुनरारंभ की संभावना को बढ़ावा दें सकती हैं। अगर चाहें, तो मैं इस घटना का विस्तृत विश्लेषण लिख सकता हूँ — इसमें हितधारकों की भूमिका, मध्यस्थों की चुनौतियाँ और आगे की संभावनाएँ शामिल होंगी। करना चाहेंगे?

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
YouTube
LinkedIn
Share