
नीतीश कुमार ने जदयू नेता संतोष निराला को राजपुर से घोषित किया उम्मीदवार
बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक तापमान लगातार चढ़ता जा रहा है। इसी बीच मुख्यमंत्री और जदयू प्रमुख नीतीश कुमार ने गठबंधन धर्म को झटका देते हुए बक्सर जिले की राजपुर (SC आरक्षित) विधानसभा सीट से पूर्व मंत्री संतोष कुमार निराला को पार्टी प्रत्याशी घोषित कर दिया। नीतीश की इस घोषणा से एनडीए सहयोगी बीजेपी में असंतोष की स्थिति बन गई है।
घटना उस समय की है जब नीतीश कुमार बक्सर में एक कार्यक्रम के दौरान मंच से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने मंच से ही स्पष्ट शब्दों में कहा कि “राजपुर से संतोष निराला ही चुनाव लड़ेंगे, आप लोग उन्हें भारी मतों से जिताएं।” इस घोषणा ने वहां मौजूद नेताओं और कार्यकर्ताओं को चौंका दिया।
बीजेपी को नहीं थी जानकारी
विशेष बात यह रही कि मंच पर राज्य के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सम्राट चौधरी भी मौजूद थे, लेकिन उन्हें इस घोषणा की कोई पूर्व जानकारी नहीं थी। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, सीट बंटवारे पर अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ था और ऐसे में नीतीश कुमार की एकतरफा घोषणा से पार्टी नेतृत्व नाराज़ है।
हालांकि, बीजेपी की ओर से कोई औपचारिक विरोध नहीं जताया गया है, लेकिन पार्टी के अंदरखाने में इस मुद्दे को लेकर गहमागहमी तेज हो गई है। सूत्रों के अनुसार, अब पार्टी शीर्ष नेतृत्व जदयू से इस पर सफाई मांग सकता है।
2020 में हार चुके हैं निराला
गौरतलब है कि संतोष कुमार निराला साल 2020 में भी राजपुर से जदयू प्रत्याशी थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बावजूद नीतीश कुमार का उन्हें दोबारा टिकट देना संकेत देता है कि पार्टी को उन पर अब भी भरोसा है।
राजनीतिक संदेश क्या है?
नीतीश कुमार की यह घोषणा कई मायनों में राजनीतिक संकेत देती है। यह न सिर्फ जदयू की मंशा को स्पष्ट करता है कि वह गठबंधन में ‘बिग ब्रदर’ की भूमिका निभाना चाहता है, बल्कि यह भी कि वह सीट बंटवारे जैसे संवेदनशील विषयों पर भी अंतिम निर्णय अपने हिसाब से लेने की स्थिति में है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह एक रणनीतिक दांव हो सकता है, जिससे नीतीश अपनी पकड़ गठबंधन पर मजबूत करना चाहते हैं, खासकर तब जब बीजेपी अपने राष्ट्रीय एजेंडे के तहत बिहार में ज्यादा प्रभाव चाहती है।



