
शुभांशु शुक्ला लखनऊ आएँगे, लेकिन घर जाने का समय नहीं मिल पाएगा
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (ISS) से सफलता पूर्वक मिशन पूरा कर लौटे भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अब अपने गृहनगर लखनऊ आ रहे हैं। यह उनके लिए और पूरे शहर के लिए गर्व का क्षण है। लेकिन इस गौरवशाली क्षण के बावजूद एक भावुक स्थिति सामने आई है — वह लखनऊ तो आएंगे, लेकिन इस दौरान अपने घर नहीं जा पाएंगे।
शुभांशु शुक्ला त्रिवेणी नगर (लखनऊ) के निवासी हैं। उनके पिता शंभू दयाल शुक्ला ने जानकारी दी है कि शुभांशु तीन दिनों तक लखनऊ में रहेंगे, लेकिन व्यस्त सरकारी और सम्मान समारोहों के कारण उन्हें घर जाने का समय नहीं मिलेगा। परिवार उनसे मिलने के लिए उन्हीं कार्यक्रम स्थलों पर जाएगा, जहां वह उपस्थित होंगे।
क्यों नहीं जा पाएंगे अपने घर?
उनकी इस यात्रा में बहुत ही सघन कार्यक्रम तय किए गए हैं। इनमें राज्य सरकार द्वारा आयोजित स्वागत समारोह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात, शिक्षण संस्थानों में सम्मान समारोह, प्रेस कांफ्रेंस और रोड शो शामिल हैं। इसके अलावा सुरक्षा कारणों से भी उनका मूवमेंट सीमित किया गया है। चूंकि वह एक राष्ट्रीय स्तर के प्रतिनिधि हैं और अंतरिक्ष अभियान में भाग लेकर देश का नाम रोशन कर चुके हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा में किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरती जा सकती।
सीएमएस द्वारा स्वागत और रोड शो
शुभांशु की प्रारंभिक शिक्षा सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (CMS), अलीगंज ब्रांच से हुई थी। स्कूल प्रशासन ने एलान किया है कि वे उनका एयरपोर्ट से भव्य स्वागत करेंगे और इसके बाद जी-20 चौक तक एक विजय यात्रा निकाली जाएगी, जिसमें CMS के छात्र हाथों में तिरंगा लेकर हिस्सा लेंगे। यह एक ऐतिहासिक दृश्य होगा जहां स्कूल के पूर्व छात्र के लिए पूरा संस्थान सड़कों पर उतरेगा।
प्रमुख कार्यक्रम
पहला दिन (आगमन): एयरपोर्ट पर स्वागत और रोड शो
दूसरा दिन: राज्यपाल और मुख्यमंत्री से शिष्टाचार भेंट, प्रेस वार्ता
तीसरा दिन: शैक्षिक संस्थानों में छात्रों को संबोधन, प्रेरणात्मक भाषण
हर कार्यक्रम की योजना और समय-सारणी इतनी व्यस्त है कि किसी भी प्रकार का निजी समय निकालना संभव नहीं हो पा रहा है। इसी कारण से शुभांशु शुक्ला को अपने ही शहर में होने के बावजूद घर न जाकर सीधे कार्यक्रम स्थलों पर रहना पड़ेगा।
परिवार की प्रतिक्रिया
उनके पिता शंभू दयाल शुक्ला ने कहा, “हमें खुशी है कि बेटा देश के लिए गौरव बना है। यह तो होना ही था कि जब वह लखनऊ आए तो पूरा शहर उन्हें देखना और सम्मानित करना चाहता है। हमें गर्व है और कोई शिकायत नहीं कि वह घर नहीं आ पाएंगे। हम खुद जाकर उनसे मिलेंगे।”