
पाकिस्तान की एक प्रमुख महिला टीवी एंकर का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें वह ऑन-एयर यह दावा करती नजर आ रही हैं कि पाकिस्तान की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच चुकी है। इस बयान के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर बवाल मच गया। कई यूज़र्स ने इस बयान को तथ्यों के खिलाफ बताया और यहां तक कि कुछ ने एंकर पर नशे में होने तक का आरोप लगा दिया।
वीडियो में क्या बोला गया?
वायरल वीडियो में महिला एंकर आत्मविश्वास के साथ यह कहती हैं,
“हमारी जीडीपी एक ट्रिलियन डॉलर है।”
उन्होंने यह बात बेहद गंभीर लहज़े में कही, लेकिन उनकी जानकारी की सटीकता को लेकर तुरंत सवाल खड़े हो गए। क्योंकि वास्तविकता यह है कि पाकिस्तान की मौजूदा जीडीपी लगभग 340 बिलियन डॉलर के आसपास है—जो 1 ट्रिलियन डॉलर से बहुत दूर है।
सोशल मीडिया पर बवाल
वीडियो के सामने आते ही ट्विटर (अब एक्स), इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स पर यूज़र्स का मज़ाकिया और गुस्से से भरा रिएक्शन देखने को मिला।
एक यूज़र ने लिखा,
“लगता है जीडीपी का आंकड़ा बताते वक्त खुद नशे में थीं।”
दूसरे ने कटाक्ष करते हुए कहा,
“अगर पाकिस्तान की जीडीपी 1 ट्रिलियन है, तो शायद हमारी सैलरी भी करोड़ों में होनी चाहिए।”
“ड्रंक ऑन ड्यूटी”? – बहस छिड़ी
इस घटना के बाद पाकिस्तान के मीडिया सर्कल में भी एक बहस छिड़ गई है कि क्या यह एक ईमानदार गलती थी या एंकर ने जानबूझकर ऐसा दावा किया। कुछ यूज़र्स ने #DrunkOnDuty और #FakeEconomy जैसे हैशटैग्स चलाकर इस पूरे मामले को और भी वायरल बना दिया है।
विशेषज्ञों ने क्या कहा?
आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के गैर-तथ्यात्मक बयानों से जनता में भ्रम फैलता है और मीडिया की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े होते हैं।
पाकिस्तान के एक प्रमुख अर्थशास्त्री ने NDTV को बताया,
“इस समय जब देश की अर्थव्यवस्था गंभीर संकटों से जूझ रही है, ऐसे झूठे दावे आम लोगों को भ्रमित कर सकते हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की छवि को नुकसान पहुंचा सकते हैं।”
चैनल की चुप्पी
अब तक संबंधित न्यूज़ चैनल की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। न ही एंकर ने खुद इस पर कोई स्पष्टीकरण जारी किया है। हालांकि, इस वायरल वीडियो ने यह सवाल जरूर खड़ा कर दिया है कि क्या न्यूज़ एंकरों को ऑन-एयर बोलने से पहले तथ्यों की जांच नहीं करनी चाहिए?
निष्कर्ष
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि आज के डिजिटल युग में किसी भी सार्वजनिक वक्तव्य की समीक्षा और प्रतिक्रिया तुरंत होती है। एक छोटी सी गलती या जानकारी की कमी किसी को रातों-रात वायरल कर सकती है—अक्सर नकारात्मक रूप में।
यह मामला न सिर्फ पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को लेकर भ्रम की स्थिति उत्पन्न करता है, बल्कि मीडिया जगत को भी आत्ममंथन करने पर मजबूर करता है कि दर्शकों को सटीक और प्रमाणिक जानकारी देने की जिम्मेदारी कितनी अहम है।