
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता और बांग्लादेश के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने भारत-बांग्लादेश संबंधों पर एक बेबाक टिप्पणी की है। उन्होंने हाल ही में लंदन के “बेथलहम हाउस” में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत और बांग्लादेश के संबंधों में अक्सर कथनी और करनी में अंतर देखा जाता है।
यूनुस ने कहा, “भारत और बांग्लादेश के रिश्ते गहरे और पुराने हैं, लेकिन कई बार ऐसा लगता है कि वे कुछ कहते हैं और कुछ और करते हैं।” उन्होंने बिना किसी देश का नाम लिए यह बात कही, लेकिन उनके बयान को भारत के संदर्भ में देखा जा रहा है।
उन्होंने बीबीसी बांग्ला को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि इन दोनों देशों के बीच कई मुद्दों को लेकर गलतफहमियां फैलाई जाती हैं, और यह गलतफहमियां प्रोपेगेंडा व अफवाहों के कारण बढ़ती हैं। यूनुस का मानना है कि इन देशों के संबंध मजबूत हैं, लेकिन राजनीतिक लाभ के लिए गलत जानकारियों को हवा दी जाती है, जिससे आपसी विश्वास में दरारें आती हैं।
यूनुस ने यह भी कहा कि भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में सुधार की बहुत संभावना है, लेकिन इसके लिए दोनों पक्षों को पारदर्शिता और ईमानदारी से संवाद करना होगा। उन्होंने यह दोहराया कि “हमें साथ चलना ही होगा क्योंकि अलग-अलग रास्तों पर चलने का कोई विकल्प नहीं है।”
उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता और भारत के साथ कुछ हालिया विवाद चर्चा में रहे हैं। यूनुस के इस बयान ने दोनों देशों की कूटनीति और रिश्तों पर एक नई बहस को जन्म दे दिया है।