
चीन ने 30 मई 2025 को हांगकांग में एक अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता संगठन की स्थापना की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य वैश्विक विवादों का शांतिपूर्ण समाधान करना है। इस संगठन का नाम ‘International Organization for Mediation’ (IOMed) रखा गया है, और इसका मुख्यालय हांगकांग के वान चाई क्षेत्र में स्थित होगा।Wikipedia+1AP News+1
इस पहल में पाकिस्तान, इंडोनेशिया, बेलारूस, कंबोडिया, जिबूती, लाओस, सर्बिया और सूडान सहित 32 देशों ने हस्ताक्षर किए हैं। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने इस आयोजन की अध्यक्षता की, जिसमें संयुक्त राष्ट्र सहित 20 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
IOMed का उद्देश्य देशों, उनके नागरिकों और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के बीच उत्पन्न विवादों का समाधान मध्यस्थता के माध्यम से करना है। यह संगठन अंतरराष्ट्रीय न्यायालय और स्थायी मध्यस्थता न्यायालय की तर्ज पर हांगकांग को वैश्विक विवाद समाधान केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक कदम है।AP News
हालांकि, चीन के लिए यह पहल महत्वपूर्ण है, लेकिन अपने ही विवादों का समाधान न कर पाने की स्थिति उसकी वैश्विक नेतृत्व की महत्वाकांक्षाओं पर सवाल उठाती है। विशेष रूप से, बेल्ट एंड रोड पहल से जुड़े देशों के साथ विवाद और क्षेत्रीय तनाव चीन की अंतरराष्ट्रीय छवि को प्रभावित कर सकते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि IOMed चीन की वैश्विक प्रभाव बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा है, लेकिन इसके सफल क्रियान्वयन के लिए संगठन की निष्पक्षता और प्रभावशीलता पर ध्यान देना आवश्यक होगा।AP News+1Wikipedia+1
इस पहल को लेकर चीन की रणनीति और वैश्विक नेतृत्व की दिशा पर आगे की घटनाएँ महत्वपूर्ण होंगी।