
पाकिस्तान और ईरान के संबंध ऐतिहासिक तौर पर मधुर रहे हैं, लेकिन हालिया समय में ईरान-इजरायल टकराव के बीच पाकिस्तान की तीखी प्रतिक्रियाएं चर्चा में हैं। क्या पाकिस्तान वाकई ईरान के लिए इजरायल के खिलाफ परमाणु हथियार इस्तेमाल करने की बात कर रहा है? इस खबर की पड़ताल करते हैं।
📰 खबर विस्तार से:
पिछले कुछ समय से इजरायल और ईरान के बीच तनाव बेहद बढ़ गया है। इजरायल ने सीरिया और ईरान के ठिकानों पर कई बार हमले किए हैं, तो वहीं ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने भी “गेट्स ऑफ हेल” खोलने की धमकी दी है। इस पूरे विवाद के बीच पाकिस्तान की भूमिका अचानक सुर्खियों में आ गई है।
हाल ही में सोशल मीडिया और कुछ कट्टरपंथी पाकिस्तानी नेताओं की ओर से यह दावा किया गया कि अगर इजरायल ने ईरान पर हमला किया, तो पाकिस्तान उसके खिलाफ “परमाणु हमला” कर सकता है। हालांकि, यह दावा न तो आधिकारिक है, न ही पाकिस्तान सरकार या सेना की तरफ से इसकी पुष्टि की गई है।
🔍 क्यों दे रहा है पाकिस्तान ऐसा बयान?
- धार्मिक एकता का मुखौटा: पाकिस्तान एक इस्लामी राष्ट्र है और ईरान भी एक मुस्लिम देश। इजरायल के खिलाफ मुस्लिम देशों में गुस्सा आम है, और पाकिस्तान में इस्लामी विचारधाराएं अक्सर जनभावनाओं को उकसाती हैं।
- राजनीतिक स्टंट: पाकिस्तान में कई बार कट्टरपंथी गुट ऐसे बयान देकर लोगों का ध्यान घरेलू समस्याओं से हटाते हैं।
- जमीनी सच्चाई: पाकिस्तान खुद गंभीर आंतरिक संकटों से जूझ रहा है – आर्थिक बदहाली, आतंकवाद, और राजनीतिक अस्थिरता के बीच उसके पास कोई सैन्य दुस्साहस करने की क्षमता फिलहाल नहीं है।
🧠 विशेषज्ञों की राय:
- पाकिस्तान का कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, इसलिए इसे गंभीरता से नहीं लिया जा सकता।
- यदि पाकिस्तान ऐसा कदम उठाता है, तो वह न केवल अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करेगा, बल्कि खुद को नष्ट करने की ओर बढ़ेगा।
- इस तरह की बयानबाज़ी पाकिस्तान को ईरान-इजरायल की जंग में फालतू का दुश्मन बना सकती है।
📌 निष्कर्ष:
“बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना” — ये कहावत इस समय पाकिस्तान पर सटीक बैठती है। न तो ईरान ने पाकिस्तान से मदद मांगी है, न ही पाकिस्तान के पास फिलहाल कोई सैन्य या आर्थिक ताकत है जो उसे इजरायल जैसे देश के खिलाफ खड़ा कर सके। ऐसे में परमाणु हमले जैसे दावे सिर्फ सोशल मीडिया की सनसनी बनकर रह जाते हैं।