
अल-फलाह ग्रुप के चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी की ED रिमांड में गिरफ्तारी, दिल्ली ब्लास्ट-मनी लॉन्ड्रिंग का मामला
अल-फलाह ग्रुप और अल-फलाह यूनिवर्सिटी के चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी के बाद उन्हें साकेत कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 13 दिन की ED रिमांड पर भेज दिया गया। ED ने यह कार्रवाई PMLA 2002 की धारा 19 के तहत की है। एजेंसी के अनुसार, अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट के नाम पर बड़ी राशि इकट्ठा की गई और उसे कथित तौर पर परिवार की कंपनियों में डायवर्ट किया गया। जांच में यह सामने आया है कि निर्माण और कैटरिंग के कई ठेके जवाद सिद्दीकी की पत्नी और बच्चों की कंपनियों को दिए गए थे, जिससे भारी आर्थिक अनियमितताएँ उजागर हुई हैं।
ED ने जवाद सिद्दीकी के घर और उनसे जुड़े परिसरों में छापेमारी के दौरान 48 लाख रुपये से अधिक नकद, कई डिजिटल डिवाइस और अहम दस्तावेज जब्त किए हैं। इसके साथ ही, एजेंसी ने आरोप लगाया है कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी ने छात्रों से फीस वसूलने के लिए फर्जी NAAC और UGC मान्यता दिखाई। ED का दावा है कि वर्ष 2018-19 से 2024-25 के बीच यूनिवर्सिटी ने लगभग ₹415 करोड़ की राशि को ‘वैध शैक्षणिक आय’ दिखाकर कमाया, जबकि इन पैसों का वास्तविक उपयोग संदिग्ध है।
जांच एजेंसी इस बात की भी पुष्टि कर रही है कि क्या इस फंड का कोई हिस्सा दिल्ली के लाल किला कार ब्लास्ट जैसी आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल हुआ था। हालांकि इस संबंध में अभी कोई अंतिम निष्कर्ष सामने नहीं आया है, लेकिन ED इसे “संभावित लिंक” के तौर पर जांच रही है। अधिकारियों का कहना है कि सिद्दीकी से आगे की पूछताछ में खाते, लेनदेन और ट्रस्ट से जुड़े संदिग्ध फंड फ्लो की गहराई से जांच की जाएगी। यह पूरा मामला अब तेज़ी से आगे बढ़ रहा है और आने वाले दिनों में कई और खुलासे होने की उम्मीद है।



