
Gen-Z विरोध अभी थमा नहीं है:
काठमांडू में सोमवार को सोशल मीडिया बैन के खिलाफ शुरू हुआ प्रदर्शन अब भी जारी है। प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन के सामने प्रधानमंत्री के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी है। हालांकि राजधानी में कर्फ्यू हटा लिया गया है, लेकिन संवेदनशील इलाकों—जैसे राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री आवास, सिंहदरबार और संसद भवन—के आसपास प्रतिबंध अभी भी बनाए रखा गया है।सोशल मीडिया बैन हटाया गया:
IT मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरंग ने घोषणा की कि सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगाया गया बैन हटा लिया है और इन्हें धीरे-धीरे बहाल किया जाएगा।संचार मंत्री के घर पर आगजनी:
प्रदर्शनकारियों ने संचार मंत्री के निजी निवास पर आग लगा दी, उन्हें बैन लगाने में शामिल होने का आरोप लगाया गया। पुलिस ने दमकल भेजकर आग बुझाने का प्रयास किया।कृषि मंत्री का इस्तीफा:
गृह मंत्री के बाद अब कृषि मंत्री रामनाथ अधिकारी ने भी पद से इस्तीफा दे दिया। माना जा रहा है कि यह सरकार की सख्ती और हिंसा के विरोध में किया गया कदम है।हत्या और घायल:
विरोध के दौरान पुलिस कार्रवाई में कम से कम 20 लोगों की मौत हुई और 300 से अधिक घायल हुए—इस हिंसा ने अंदाज़ा लगाया कि मोर्चा केवल सोशल मीडिया बैन का नहीं था, बल्कि भ्रष्टाचार, महंगाई और भाई-भतीजावाद जैसे व्यापक मुद्दों पर नागरिकों का रोष था।
अंतरराष्ट्रीय मीडिया का दृष्टिकोण:
ब्लॉक हटाया गया – सरकार ने कदम पीछे खींचा
Reuters की रिपोर्ट में बताया गया कि 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगाया गया बैन हटाया गया है—यह निर्णय उस बैन के परिणामस्वरूप उत्पन्न विरोध और हिंसा के बाद आया। इसके साथ काठमांडू में कर्फ्यू घोषित किया गया है Iहिंसक विरोध, 19 से 20 की मौत
इस आंदोलन को “Gen-Z protests” कहा जा रहा है, जिसमें कम से कम 19–20 लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए। प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन पर काबू पाने का प्रयास किया। पुलिस ने जवाब में रबर बुलेट, वाटर कैनन, तेजाब और गोली का इस्तेमाल किया। Home Minister रमेश लेखक समेत कई मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया।