
भारत में चीन के साथ सीमा विवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं के बीच चीनी उत्पादों का बहिष्कार एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियानों के माध्यम से स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने की अपील की है। इसके बावजूद, कई भारतीय घरों में चीनी उत्पादों की मौजूदगी बनी हुई है।
चीनी उत्पादों की पहचान:
- इलेक्ट्रॉनिक सामान:
स्मार्टफोन, पावर बैंक, स्मार्टवॉच और अन्य मोबाइल एक्सेसरीज़ में चीनी उत्पाद प्रमुखता से पाए जाते हैं। एक सर्वेक्षण के अनुसार, 56% भारतीयों ने पिछले 12 महीनों में इन उत्पादों को खरीदा है । - घरेलू सजावट और रसोई के सामान:
दीपावली जैसे त्योहारों के दौरान चीनी दीपक, झालर, मोमबत्तियाँ और अन्य सजावटी सामान की मांग में कमी आई है। इसके स्थान पर, लोग मिट्टी के दीये और अन्य स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता दे रहे हैं । - खिलौने और स्टेशनरी:
बच्चों के खिलौने और स्कूल की स्टेशनरी में भी चीनी उत्पादों की भरमार है। हालांकि, इनकी गुणवत्ता और सुरक्षा को लेकर अभिभावकों में जागरूकता बढ़ रही है।
बहिष्कार के कारण:
- राष्ट्रीय सुरक्षा:
सीमा पर तनाव और चीनी उत्पादों में डेटा चोरी की आशंका ने लोगों को इन उत्पादों से दूर किया है। - आर्थिक आत्मनिर्भरता:
‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत, सरकार ने स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएँ शुरू की हैं। - उत्पाद की गुणवत्ता और मूल्य:
कई भारतीयों ने चीनी उत्पादों को उनकी सस्ती कीमत और आकर्षक डिज़ाइन के कारण खरीदा था। अब, स्वदेशी विकल्पों की गुणवत्ता में सुधार और प्रतिस्पर्धी मूल्य ने इन उत्पादों को लोकप्रिय बना दिया है।