रजनीकांत का अयोध्या आना उत्तर दक्षिण के आपसी संबंधों के लिए बहुत महत्वपूर्ण -रामविलास दास वेदांती
उत्तर और दक्षिण भारत को कभी-कभी कुछ पार्टियां यह संगठन दो धाराओं में विभाजित कर व्याख्या करते है हालांकि दोनों क्षेत्र आध्यात्मिक और दार्शनिक धागों की एक ही निरंतरता का हिस्सा है जो आपस में गहरा संबंध रखते हैं दक्षिण भारत के सुपरस्टार रजनीकांत की धार्मिक नगरी अयोध्या की यात्रा इन्हीं संबंधों को न सिर्फ प्रगाढ़ करेगी बल्कि आपसी संबंधों का ऐसा ताना-बाना तैयार करेगी जो रिश्तो में नई मिठास घोलेगी।
दक्षिण भारत के सुपरस्टार रजनीकांत अपनी तीन दिवसीय यात्रा पर यूपी की राजधानी लखनऊ पहुंचे तो उन्होंने अपने नाम के आगे एक और सुनहरा संदर्भ जोड़ दिया रजनीकांत दक्षिण भारत के ऐसे पहले सुपरस्टार बन गए जो महज दर्शन करने के लिए अयोध्या पहुंचे उन्होंने अयोध्या पहुंचकर रविवार को हनुमानगढ़ी के साथ श्री राम जन्मभूमि मंदिर में जाकर दर्शन पूजन किया राम जन्मभूमि परिसर में निर्माण अधीन भव्य राम मंदिर भी देखा इसीलिए दर्शन करने के बाद निकलते ही उन्होंने बोल दिया बहुत भाग्यशाली हूं जो प्रेरणा थी वह पूरी हुई।
रजनीकांत ( सुपरस्टार ) ..बहुत भाग्यशाली हूं मैं जो प्रेरणा थी वह पूरी हो गई यह बहुत चारित्रिक मंदिर है खुलने के बाद और भव्य दिखेगा ।
रजनीकांत की अयोध्या की धार्मिक यात्रा के बहुत बड़े मायने हैं अयोध्या उत्तर भारत की आध्यात्मिक और संस्कृत राजधानी कही जाती है जिन भगवान श्री राम के मंदिर में रजनीकांत ने माथा टेका उन्हीं मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम ने उत्तर से दक्षिण जाकर रामेश्वरम में शिव का स्थापना किया था और पूजन किया था इसीलिए अयोध्या के संतों का मानना है कि रजनीकांत की यात्रा से उत्तर और दक्षिण भारत के लोगों में आपसी मैत्री भाव प्रगाढ़ होगा सामाजिक समरसता , राष्ट्रीय एकता और सद्भावना के लिए पूरे भारत को एक सूत्र में जोड़ने के लिए रजनीकांत की यात्रा एक मजबूत सेतु का भी निर्माण करेगी ।
रामविलास दास वेदांती ( पूर्व सांसद भाजपा )….देखिए अयोध्या उत्तर भारत की आध्यात्मिक राजधानी है सांस्कृतिक राजधानी है भगवान राम ने त्रेता में उत्तर से दक्षिण जाकर के दक्षिण में रामेश्वरम के शिव की स्थापना किया था और तब से दक्षिण भारत के लोग अयोध्या नगरी में आते थे मुझे आज बड़ी प्रसन्नता हुई कि रजनीकांत जी दक्षिण भारत से उत्तर भारत में अयोध्या में रामलला का दर्शन करने के लिए आ रहे हैं इससे उत्तर भारत और दक्षिण भारत में आपसे मैत्री बढ़ेगी और सामाजिक समरसता के लिए सद्भावना के लिए राष्ट्रीय एकता के लिए एक सूत्र में बांधने का काम हुआ