आपने कभी आल्हा ऊदल की कहानी आल्हा गायन के जरिए सुनी होगी
आपने कभी आल्हा ऊदल की कहानी आल्हा गायन के जरिए सुनी होगी
आपने कभी आल्हा ऊदल की कहानी आल्हा गायन के जरिए सुनी होगी, यह विधा अब धीरे-धीरे विलुप्त हो रही है, आल्हा ऊदल दोनों भाइयों ने 52 रोमांचकारी लड़ाइयां को लड़ा था आल्हा खंड के अनुसार आल्हा ऊदल ने आखिरी लड़ाई पृथ्वीराज चौहान से लड़ी थी, ग्रामीण क्षेत्रों में आल्हा गायन का कभी जलवा हुआ करता था, जब भी कोई कार्यक्रम हो तो ग्रामीण लोग आल्हा गायन का कार्यक्रम जरूर रखते थे लेकिन यह आल्हा गायन भी अब धीरे-धीरे विलुप्त हो रही है लेकिन अयोध्या के अपना दल नेता प्रमोद सिंह इस आल्हा गायन विधा को जीवंत कर रहे हैं, अपने पिता स्व पृथ्वी सिंह के यादगार में प्रत्येक वर्ष आल्हा महोत्सव का आयोजन करते हैं, आज भी प्रमोद सिंह के पैतृक गांव मैहर कबीरपुर में आल्हा महोत्सव का आयोजन हुआ जिसमें देश के आठ नामी गिरामी आल्हा गायक शामिल हुए जिसमें कानपुर की महिला आल्हा गायिका शीलू सिंह ने आल्हा गायन में प्रथम स्थान प्राप्त कर एक लाख रुपए और प्रशस्ति पत्र हासिल किया वहीं जौनपुर के आल्हा गायक डॉक्टर फौजदार सिंह ने उपविजेता बनकर 51 हजार रुपए और प्रशस्ति पत्र पाकर सम्मान प्राप्त किया। इस आल्हा महोत्सव में प्रदेश के कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल अंबेडकर नगर के सांसद रितेश पांडे सपा विधायक अभय सिंह भी शामिल हुए थे।