
📍 समाचार का सारांश (विस्तार में):
ईद-उल-अज़हा (बकरीद) से पहले इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया (ICI) ने एक 12-बिंदुओं वाली एडवाइजरी जारी की है। इसमें मुस्लिम समुदाय से अपील की गई है कि वे कुर्बानी के धार्मिक कार्य को पवित्र भावना के साथ संपन्न करें और इसे सार्वजनिक प्रदर्शन या सोशल मीडिया दिखावे का माध्यम न बनाएं।
📌 एडवाइजरी के मुख्य बिंदु:
- धार्मिक भावनाओं को प्राथमिकता दें, न कि सार्वजनिक प्रदर्शन को।
- कुर्बानी की तस्वीरें या वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट न करें।
- केवल कानूनी रूप से मान्य जानवरों की ही कुर्बानी करें।
- खून और अवशेषों को सही ढंग से नष्ट करें – मिट्टी में दफन करना उचित तरीका है।
- कुर्बानी सार्वजनिक स्थानों पर न करें, खासकर सड़कों पर नहीं।
- मांस का एक हिस्सा गरीबों में बांटें – यह धार्मिक रूप से आवश्यक है।
- स्वच्छता का ध्यान रखें – विशेष रूप से गर्मी को देखते हुए।
- “ग्रीन बकरीद” की पहल को अपनाएं – पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाएं।
- वर्चुअल बकरीद या ऑनलाइन प्रार्थनाएं भी एक सुरक्षित विकल्प हैं।
- प्रशासनिक नियमों का पालन करें।
- अन्य समुदायों की भावनाओं का सम्मान करें, सामाजिक सौहार्द बनाए रखें।
- हीटवेव से राहत के लिए विशेष दुआ करने की अपील।
🗣️ मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा:
“कुर्बानी को दिखावे की चीज न बनाएं। सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दूसरों की भावनाओं को ठेस न पहुंचाएं। बकरीद एक आत्मिक त्याग और गरीबों की सेवा का प्रतीक है।”