
फ़िल्म की कहानी तिन्नाडु नामक एक आदिवासी युवक की है, जो शुरुआत में नास्तिक होता है लेकिन भगवान शिव की भक्ति में परिवर्तित हो जाता है । विष्णु मांचू ने मुख्य भूमिका में निष्ठापूर्ण अभिनय किया, जबकि अक्षय कुमार शिव के रूप में और प्रभास, मोहनलाल ने कैमियो में ज़बरदस्त प्रभाव छोड़ा।
पहली और दूसरी पारी:
पहला भाग लंबा और धीमा बताया गया है, जिसे कुछ आलोचकों ने “फिलर” और “निरपेक्ष” करार दिया । इसके विपरीत, दूसरी पारी – ख़ासकर अंतिम 20‑40 मिनट – को “गूजबंप्स”, “भावनात्मक रूप से तीव्र” और “भीषण रूप से प्रभावशाली” बताया गया है ।
तकनीकी और ग्राफ़िक्स:
फ़िल्म की पैमाना और दृश्य प्रभाव (VFX) भव्य और आकर्षक हैं, हालांकि कुछ आलोचकों ने इसकी सुसंगतता पर आपत्ति जताई । कैमरा व संगीत विशेष रूप से धार्मिक दृश्यों में सिनेमाई माहौल में जोड़ते हैं ।
👍 खास बातें
- कलाकारों का अभिनय: विष्णु मांचू ने संयमित भूमिका निभाई, जबकि अक्षय कुमार और प्रभास की छोटी लेकिन प्रभावशाली भूमिकाओं को प्रशंसा मिली ।
- भावनात्मक क्लाइमैक्स: फ़िल्म का आखिरी हिस्सा दर्शकों और आलोचकों दोनों द्वारा “धड़कनों को थाम देने वाला” बताया गया ।
- आउडियंस रिएक्शंस: सोशल मीडिया पर दर्शकों ने फिल्म की धीमी शुरुआत पर निराशा व्यक्त की, लेकिन दूसरे हिस्से और क्लाइमैक्स को दिल से सराहा ।
इन पहलुओं को ध्यान में रखते हुए, दर्शकों को सलाह है कि केवल धैर्यपूर्वक बैठें और फ़िल्म की दूसरी पारी व क्लाइमैक्स का आनंद लें—जहाँ इसके सच्ची शक्ति है।