
भारतीय सेना के कर्नल हर्ष गुप्ता और हवलदार सुरिंदर सिंह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के प्रतीक चिह्न को डिजाइन किया, जो न केवल सैन्य दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और महिलाओं के सम्मान का प्रतीक भी है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ पाकिस्तान के खिलाफ एक महत्वपूर्ण सैन्य अभियान था, जो 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 भारतीय नागरिकों की शहादत का प्रतिशोध लेने के लिए चलाया गया था। इस हमले में मारे गए लोगों में भारतीय सेना के अधिकारी भी शामिल थे, जिनकी पत्नियाँ अपने पति की शहादत के बाद गहरे शोक में डूबी हुई थीं।
इस ऑपरेशन का नाम ‘सिंदूर’ इसलिए रखा गया क्योंकि हिंदू संस्कृति में सिंदूर विवाहित महिलाओं की पहचान है। यह नाम उन महिलाओं के सम्मान में रखा गया, जिन्होंने अपने पतियों को खो दिया था।
कर्नल हर्ष गुप्ता और हवलदार सुरिंदर सिंह ने इस अभियान के प्रतीक चिह्न को डिजाइन किया, जिसमें सिंदूर का प्रतीक शामिल किया गया। यह प्रतीक चिह्न न केवल सैन्य दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और महिलाओं के सम्मान का प्रतीक भी है।
कर्नल हर्ष गुप्ता ने बताया कि इस प्रतीक चिह्न को डिजाइन करते समय उन्होंने भारतीय संस्कृति और महिलाओं के सम्मान को ध्यान में रखा। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य था कि इस प्रतीक चिह्न के माध्यम से हम उन महिलाओं के सम्मान को व्यक्त करें, जिन्होंने अपने पतियों को खो दिया था।”
हवलदार सुरिंदर सिंह ने बताया कि इस प्रतीक चिह्न को डिजाइन करते समय उन्होंने भारतीय सेना की वीरता और शौर्य को भी ध्यान में रखा। उन्होंने कहा, “हम चाहते थे कि इस प्रतीक चिह्न के माध्यम से हम भारतीय सेना की वीरता और शौर्य को प्रदर्शित करें।”
इस प्रतीक चिह्न को भारतीय सेना के अधिकारियों और जवानों ने गर्व के साथ अपनाया और यह पूरे देश में सम्मान और गर्व का प्रतीक बन गया।
कर्नल हर्ष गुप्ता और हवलदार सुरिंदर सिंह की इस पहल ने न केवल भारतीय सेना की वीरता और शौर्य को प्रदर्शित किया, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और महिलाओं के सम्मान का भी प्रतीक बन गया।