
भारत में कोरोना वायरस के सक्रिय मामलों में अचानक वृद्धि देखी जा रही है। 22 मई को जहां सक्रिय मामलों की संख्या 257 थी, वहीं अब यह बढ़कर 3,395 हो गई है। पिछले 24 घंटों में 685 नए मामले सामने आए हैं और चार मौतें हुई हैं, जिनमें दिल्ली, केरल, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश शामिल हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, केरल में सबसे अधिक सक्रिय मामले हैं, जहां 1,400 मरीज इलाजरत हैं। इसके बाद महाराष्ट्र (485), दिल्ली (436), उत्तर प्रदेश (149), पश्चिम बंगाल (287) और गुजरात (320) में सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने बताया कि देश के पश्चिमी और दक्षिणी राज्यों से लिए गए सैंपलों की जीनोम सीक्वेंसिंग में कोविड-19 के नए ओमिक्रॉन उप-वेरिएंट LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 पाए गए हैं। इनमें से पहले तीन वेरिएंट सबसे ज्यादा मामलों में देखे गए हैं। हालांकि, इन वेरिएंट्स की गंभीरता कम बताई जा रही है और अधिकांश मरीजों को घर पर ही इलाज मिल रहा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से सतर्क रहने और कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील की है। मास्क पहनना, सामाजिक दूरी बनाए रखना और नियमित हाथ धोना जैसी सावधानियां बरतने की सलाह दी गई है।
विश्लेषण:
कोरोना के मामलों में यह वृद्धि एक बार फिर से स्वास्थ्य विभाग और सरकार के लिए चिंता का विषय बन गई है। हालांकि, नए वेरिएंट्स की गंभीरता कम बताई जा रही है, फिर भी उनकी उच्च संक्रामकता के कारण मामलों में वृद्धि हो सकती है।
स्वास्थ्य मंत्रालय और ICMR की सक्रिय निगरानी और लोगों की जागरूकता से इस स्थिति पर काबू पाया जा सकता है। लोगों को कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए और किसी भी लक्षण के दिखने पर तुरंत जांच करानी चाहिए।
कुल मिलाकर, यह समय है जब सभी को सतर्क रहने और कोविड-19 के खिलाफ जारी लड़ाई में सहयोग देने की आवश्यकता है।